UP: बांके बिहारी मंदिर की जमीन कब्रिस्तान के रूप में दर्ज करने पर इलाहाबाद HC गंभीर, तहसीलदार को किया तलब
Allahabad High Court इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बांके बिहारी मंदिर की जमीन कब्रिस्तान के रूप में दर्ज करने के मामले में तहसीलदार छाता को व्यक्तिगत रूप से 17 अगस्त को हाजिर होने का आदेश जारी किया है। बता दें कि भोला खान पठान ने राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से 1994 में उक्त भूमि को कब्रिस्तान के रूप में दर्ज करा ली थी
By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraUpdated: Thu, 10 Aug 2023 01:46 PM (IST)
प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मथुरा स्थित बांके बिहारी मंदिर के नाम दर्ज जमीन को राजस्व अभिलेखों में पहले कब्रिस्तान फिर पुरानी आबादी दर्ज करने के मामले को गंभीरता से लिया है।
कोर्ट ने तहसीलदार छाता को 17अगस्त को स्पष्टीकरण के साथ तलब किया है और पूछा है कि शाहपुर गांव के प्लाट 1081की स्थिति राजस्व अधिकारी द्वारा समय - समय पर क्यों बदली गई? यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव ने श्री बिहारी जी सेवा ट्रस्ट की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
याचिका पर अधिवक्ता राघवेन्द्र प्रसाद मिश्र ने बहस की। इनका कहना है कि प्राचीन काल से ही गाटा संख्या 1081 बांके बिहारी महाराज के नाम से दर्ज था। भोला खान पठान ने राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से 2004 में उक्त भूमि को कब्रिस्तान के रूप में दर्ज करा लिया।
जानकारी होने पर मंदिर ट्रस्ट ने आपत्ति दाखिल की। प्रकरण वक्फ बोर्ड तक गया और सात सदस्यीय टीम ने जांच में पाया कि कब्रिस्तान गलत दर्ज किया गया है।
इसके बावजूद जमीन पर बिहारी जी का नाम नहीं दर्ज किया गया। इस पर यह याचिका दायर की गई है। कोर्ट ने तहसीलदार छाता को व्यक्तिगत रूप से 17 अगस्त को हाजिर होने का आदेश जारी किया है।
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