Allahabad High Court : हाई कोर्ट ने बढ़ी फीस वसूलने पर बोर्डों से मांगा जवाब
याचिका में कहा गया है कि कोरोना अवधि में स्कूल पूरी तरह से बंद हैंं। सिर्फ ऑनलाइन पढ़ाई ही हो रही है। इसके बावजूद अधिकांश बोर्डों से संबंद्ध स्कूलों ने फीस बढ़ा दी है और अभिभावकों पर बढ़ी हुई फीस जमा करने के लिए दबाव डाला जा रहा है।
By Rajneesh MishraEdited By: Updated: Thu, 01 Jul 2021 08:02 AM (IST)
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कोविड 19 की वजह से स्कूलों के बंद होने और केवल ऑनलाइन शिक्षण होने के बावजूद तमाम स्कूलों द्वारा बढ़ी हुई फीस वसूले जाने के विरूद्ध दायर जनहित याचिका पर माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश (यूपी बोर्ड), आइसीएसई और सीबीएसई बोर्ड से जवाब मांगा है। साथ ही इसी मामले में पहले से दाखिल कई याचिकाओं के साथ इस याचिका को भी संबद्ध करने का निर्देश दिया है।
मुरादाबाद पैरेंट्स ऑफ ऑल स्कूल एसोसिएशन की याचिकायह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूॢत राजेंद्र कुमार की खंडपीठ ने बुधवार को मुरादाबाद पैरेंट्स ऑफ ऑल स्कूल एसोसिएशन (अनुज गुप्ता व नौ) अन्य की जनहित याचिका पर दिया है। सरकारी वकील ने बताया कि सभी बोर्ड के लिए शुल्क विनियमन के आदेश जारी किए गए हैं जिसमें ट्यूशन फीस के अलावा अन्य फीस पर रोक लगा दी गई है। इस पर याची के अधिवक्ता का कहना था कि सरकार के आदेश के बाद भी फीस जमा करने का दबाव बनाया जाता है।
पहले से दायर याचिकाओं को भी संबद्ध करने का निर्देशयाचिका में कहा गया है कि कोरोना अवधि में स्कूल पूरी तरह से बंद हैंं। सिर्फ ऑनलाइन पढ़ाई ही हो रही है। इसके बावजूद अधिकांश बोर्डों से संबंद्ध स्कूलों ने फीस बढ़ा दी है और अभिभावकों पर बढ़ी हुई फीस जमा करने के लिए दबाव डाला जा रहा है। कोरोना के कारण अभिभावक आॢथक तंगी का सामना कर रहे हैं। स्थायी अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि इस मुद्दे पर पहले से ही कुछ याचिकाएं लंबित हैं जिनमें पक्षकारों की ओर से जवाब भी दाखिल हो चुके हैं। न्यायालय ने इस याचिका को भी आदर्श भूषण व अन्य की याचिका के साथ संबंद्ध करते हुए अगली सुनवाई पर पेश करने के लिए कहा है।
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