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Allahabad University में गरीब सवर्णों के लिए बढ़ेंगी 15 फीसद सीटें Prayagraj News

इलाहाबाद विवि एवं संघटक कॉलेजों में स्नातक की कुल 10692 सीटें हैं। इनमें गरीब सवर्णों के लिए 10 फीसद यानी 1070 सीटें आरक्षित थीं। नए शैक्षणिक सत्र से 15 फीसद सीटें आरक्षित होंगी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Updated: Thu, 20 Feb 2020 02:26 PM (IST)
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Allahabad University में गरीब सवर्णों के लिए बढ़ेंगी 15 फीसद सीटें Prayagraj News
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन (ईडब्ल्यूएस) यानी आर्थिक रूप से पिछड़े (गरीब सवर्ण) का कोटा लागू होने से नए शैक्षणिक सत्र 2020-21 में 15 फीसद सीटें बढ़ाई जाएंगी। पिछले वर्ष 10 फीसद सीटें बढ़ाई थीं। इस वर्ष की 15 फीसद सीटों की बढ़ोतरी के साथ इविवि केंद्र निर्धारित 25 फीसद सीटों का लक्ष्य पूरा करेगा।

इविवि में आर्थिक आधार पर आरक्षण रोस्टर लागू है 

इविवि में आर्थिक आधार पर आरक्षण रोस्टर लागू हो गया है। इलाहाबाद विवि एवं संघटक कॉलेजों में स्नातक की कुल 10692 सीटें हैं। इनमें गरीब सवर्णों के लिए 10 फीसद यानी 1070 सीटें आरक्षित थीं। शैक्षणिक सत्र 2019-20 में कुल 1070 गरीब सवर्णों को दाखिला मिला था। इसी तरह, ओबीसी के लिए 2888, एससी के लिए 1605, एसटी के लिए 801 सीटें आरक्षित हैं। वहीं, 4328 सीटें अनारक्षित हैं।

पिछले सत्र इन विषयों में कितनी थीं सीटें

संस्कृत में 50, हिंदी में 143, प्राचीन इतिहास में 132, मध्यकालीन इतिहास में 110, आधुनिक इतिहास में 17, एंथ्रोपोलॉजी में दो, अरबी में आठ, रक्षा अध्ययन में 22, अर्थशास्त्र में 83, शिक्षाशास्त्र में 83, अंग्रेजी भाषा में 22, अंग्रेजी साहित्य में 88, भूगोल में 48, गणित में आठ, पेंटिंग में चार, पारसी में आठ, दर्शनशास्त्र में 121, राजीनीति शास्त्र में 83, मनोविज्ञान में 14, सितार में तीन, सांख्यिकी में दो, तबला में तीन, उर्दू में 13 और संगीत में तीन सीटें गरीब सवर्णों के लिए आरक्षित की गई थी।

बोले इविवि प्रवेश प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. प्रशांत अग्रवाल

इविवि प्रवेश प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. प्रशांत अग्रवाल कहते हैं कि ईडब्ल्यूएस के लिए नए सत्र में 15 फीसद सीट बढ़ाई जाएगी। 25 फरवरी को प्रवेश कमेटी की बैठक में यह प्रस्ताव रखा जाएगा। सर्वसम्मति से मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा।

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