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Amitabh Bachchan Birthday: बिग बी के दिल में रचा बसा है 'इलाहाबाद', पूनम से मिले तो की तमाम बात

अमिताभ बच्चन का जन्म 11 अक्टूबर 1942 को प्रयागराज (पूर्ववर्ती इलाहाबाद) में कटघर मोहल्ले में हुआ था। पिता हरिवंश राय बच्चन के साथ अमिताभ करीब आठ साल यहीं रहे। ब्वायज हाईस्कूल में प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की थी और पिता के साथ शहर भी घूमते थे।

By amardeep bhattEdited By: Ankur TripathiUpdated: Mon, 10 Oct 2022 06:32 PM (IST)
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24 सितंबर को मुंबई में अमिताभ पूनम किशोर से मिले तो पुरानी यादें कर लीं ताजा

आज अमिताभ बच्चन के जन्मदिन पर विशेष

-प्रयागराज में जन्मे, पले बढ़े, पिता के साथ जाते थे सिविल लाइंस घूमने

-बीते 24 सितंबर को पूनम किशोर से मिले तो पुरानी यादें कर लीं ताजा

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। अरे? आप इलाहाबाद से आयी हैं...मुस्कुराते हुए... ओ माई गॉड। हां, हां, बताइये। क्या हाल हैं। अरे हां, वो नागर जी जिनकी पेन की जिनकी दुकान है। कैसे हैं वो, मेरा उनसे नमस्कार कहियेगा। आल राईट, आल राईट। इलाहाबाद तो मुझे बहुत याद है, आजाद पार्क, गलियां, सिविल लाइंस में खूब जाया करते थे पिता जी के साथ। वहां कुछ लोग मुझसे नाराज हैं और कुछ बहुत खुश भी। ....... यह किसी फिल्म के संवाद नहीं बल्कि महानायक अमिताभ बच्चन की भावना है जो उन्होंने बीते 24 सितंबर को केबीसी के सेट पर प्रयागराज की पूनम किशोर से करीब 10 मिनट तक बातें करते हुए व्यक्त किया।

कटघर मोहल्ले के मकान में जन्मे थे अमिताभ

अमिताभ बच्चन का जन्म 11 अक्टूबर 1942 को प्रयागराज (पूर्ववर्ती इलाहाबाद) में कटघर मोहल्ले में हुआ था। पिता हरिवंश राय बच्चन के साथ अमिताभ करीब आठ साल यहीं रहे। ब्वायज हाईस्कूल में प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की थी और पिता के साथ शहर भी घूमते थे। काफी समय तक सिविल लाइंस में क्लाइव रोड पर भी एक अधिवक्ता के बंगले में किराए पर रहे। हिंदी फिल्म जगत में 'एंग्री यंग मैन' कहे गए अमिताभ बच्चन के दिल में उनके अपने शहर की यादें अब भी रची बसी हैं।

अपने शहर की पूनम से मिलकर खुश हुए अमिताभ

रामबाग के मलाकराज निवासी फ्रीलांस चित्रकार पूनम किशोर अपने भाई कमल किशोर के साथ 24 सितंबर को ही मुंबई में केबीसी के सेट पर अमिताभ बच्चन से मिली थीं। शो रिकार्ड होने के बाद आडियंस से मुलाकात में जब अमिताभ बच्चन, पूनम से मिले तो काफी खुश हुए। उनसे अपने शहर का जिक्र किया। पूनम ने उन्हें नागर पेन शाप की तरफ से भेजे गए 1981 के गोल्ड पेन और अपनी ओर से उनकी बायोग्राफी पर बनाए चित्रों का सेट भेंट किया।

पिता हरिवंश के साथ नागर पेन शाप जाते थे अमिताभ

सिविल लाइंस में पैलेस सिनेमा घर के सामने नागर पेन शाप के संचालक गिरधर दास नागर कहते हैं कि उनके यहां अमिताभ बच्चन अपने पिता के साथ कार से आया करते थे। तब उनकी उम्र सात-आठ साल थी। तब पिता जी मकुंद दास नागर दुकान पर बैठते थे। हां इतना जरूर है कि अमिताभ इस दुकान को आज भी याद करते हैं। 11 अक्टूबर 2018 को केबीसी के प्रसारण में उन्होंने इस दुकान का नाम लेकर ऐसी ब्रांडिंग कर दी थी जो करोड़ों रुपये खर्च करके भी नहीं हो सकती।

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