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सरकारी राशन की दुकान पर भी धान बेचने का रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं किसान, कोटेदारों को भी मुनाफा

2040 रुपये प्रति कुंतल में धान की खरीद एक नवंबर से शुरू हो गई है। इस सुविधा की जानकारी जैस-जैसे किसानों को हो रही है रजिस्ट्रेशन कराने के लिए प्रयागराज के सरकारी राशन की दुकानों पर कोटेदार के पास भीड़ जुट रही है। कोटेदार को भी मुनाफा हो रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Brijesh SrivastavaUpdated: Wed, 02 Nov 2022 03:07 PM (IST)
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किसानों को सरकार ने धान बिक्री के लिए रजिस्‍ट्रेशन कराने की सुविधा सरकारी राशन की दुकानों पर भी दिया है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। किसानों के लिए अच्‍छी खबर है। धान की खरीद शुरू हो गई है। क्रय केंद्रों पर धान बेचने के लिए आनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। किसानों को रजिस्ट्रेशन के लिए क्रय केंद्रों पर परेशान न होना पड़े, इसके लिए सरकार ने व्‍यवस्‍था की है। सरकारी राशन की दुकानों पर भी धान बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन की सुविधा शुरू की गई है। इसका आप भी लाभ लें।

कोटेदारों के पास जुटने लगी किसानों की भीड़ : 2040 रुपये प्रति कुंतल में धान की खरीद एक नवंबर से शुरू हो गई है। इस सुविधा की जानकारी जैस-जैसे किसानों को हो रही है, रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कोटेदार के पास भीड़ जुट रही है। इससे कोटेदार को भी मुनाफा हो रहा है।

धान क्रय केंद्रों पर भी रजिस्‍ट्रेशन की सुविधा : इसके अलावा धान क्रय केंद्र पर भी रजिस्ट्रेशन करने की सुविधा मुहैया कराई गई है। जन सेवा केंद्र व साइबर कैफे पर पहले किसानों का रजिस्ट्रेशन करने की सुविधा थी लेकिन किसानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकारी राशन की दुकान पर यह सुविधा शुरू की गई है।

शहरी क्षेत्रों में सरकारी राशन की दुकानों में नहीं हो रहा रजिस्‍ट्रेशन : प्रयागराज जिले में 2200 सरकारी राशन की दुकान है, जहां यह सुविधा दी जा रही है। हालाकि शहरी क्षेत्रों की दुकानों पर रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा है, लेकिन ग्रामीण अंचल की दुकानों पर रजिस्ट्रेशन के लिए भीड़ लग रही है। शहरी क्षेत्र के भी कोटेदारों को रजिस्ट्रेशन करने की छूट दी गई है। जिला आपूर्ति अधिकारी की ओर से रजिस्ट्रेशन करने का निर्देश भी सभी कोटेदारों को दिया जा चुका है।

नई सुविधा से किसानों का बच रहा समय : धान बेचने के लिए कोटेदारों के यहां पर रजिस्ट्रेशन की सुविधा शुरू होने से किसानों का पर्याप्त समय बच रहा है। साइबर कैफे या फिर जन सेवा केंद्रों पर रजिस्ट्रेशन के दौरान सर्वर या फिर बिजली कट जाने से किसानों को इंतजार करना पड़ता था। कोटेदारों के पास ई-पास मशीन से रजिस्ट्रेशन हो जा रहा है। एक बार ई-पास मशीन चार्ज करने पर लगभग सात से आठ घंटे तक इस पर काम किया जा सकता है।

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