Atiq Murder Case: 13 अप्रैल को होनी थी अतीक-अशरफ की हत्या, लेकिन...चार्जशीट में जुड़े ये तीन नाम उगल रहे कई राज
हत्याकांड की विवेचना के लिए एडीसीपी क्राइम सतीश चंद्र की अध्यक्षता में एसीपी सत्येंद्र प्रसाद तिवारी और इंस्पेक्टर ओम प्रकाश की तीन सदस्यीय एसआइटी बनाई गई थी। 15 अप्रैल को वारदात को हुए तीन महीने का समय पूरा हो जाएगा और इस दिन तक चार्जशीट कोर्ट में दाखिल करने का नियम है। इसी के अनुसार एसआइटी ने अपनी विवेचना को पूरी करते हुए आरोप पत्र तैयार किया है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। माफिया अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ हत्याकांड की चार्जशीट तैयार हो गई है। अदालत में अगले दो दिनों में चार्जशीट को दाखिल किया जाएगा। पुलिस की विवेचना में शूटर लवलेश तिवारी, अरुण मौर्या और सनी सिंह पर लगाए गए हत्या के आरोप सही पाए गए हैं। आरोपितों के खिलाफ पुलिस को वैज्ञानिक और अभिलेखीय साक्ष्य भी मिले हैं। इसी आधार पर उनके विरुद्ध कोर्ट में मुकदमा चलाया जाएगा।
हत्याकांड की विवेचना के लिए एडीसीपी क्राइम सतीश चंद्र की अध्यक्षता में एसीपी सत्येंद्र प्रसाद तिवारी और इंस्पेक्टर ओम प्रकाश की तीन सदस्यीय एसआइटी बनाई गई थी। 15 अप्रैल को वारदात को हुए तीन महीने का समय पूरा हो जाएगा और इस दिन तक चार्जशीट कोर्ट में दाखिल करने का नियम है। इसी के अनुसार एसआइटी ने अपनी विवेचना को पूरी करते हुए आरोप पत्र तैयार किया है। बताया गया है कि एसआइटी ने केस डायरी में शूटरों की ओर से दिए गए बयान, उनके मोबाइल की काल डिटेल रिपोर्ट, सीसीटीवी फुटेज सहित अन्य तथ्यों को समाहित किया है। पुलिस का कहना है कि 14 अथवा 15 जुलाई को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा।
लखनऊ के होटल में रुकने के बाद आए थे यहां
तीनों शूटर लखनऊ के चारबाग स्थित एक होटल में ठहरे थे। इसके बाद बस के जरिए प्रयागराज आए और खुल्दाबाद में होटल में रुके थे। आरोपित 13 अप्रैल को ही अतीक व उसके भाई अशरफ की हत्या करने वाले थे, लेकिन भीड़ होने के कारण वारदात को अंजाम नहीं दे सके थे। लखनऊ में रुकने के दौरान दो आरोपितों ने अपने मोबाइल के सिम को तोड़कर फेंक दिया था। एसआइटी ने इस महत्वपूर्ण तथ्य को भी केस डायरी में शामिल किया है।
हत्या के साथ चलेगा धोखाधड़ी का मुकदमा
शूटर सनी सिंह, लवलेश तिवारी और अरुण मौर्या ने चित्रकूट के पते पर फर्जी आधार कार्ड बनवाया था। पुलिस ने इसकी तस्दीक की और फिर उसी आधार पर मुकदमे में आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी व कूटरचना की धारा बढ़ाई गई थी। पुलिस का कहना है कि हत्या के साथ ही धोखाधड़ी का मुकदमा चलेगा। फर्जी आधार कार्ड को लेकर अगर आरोपित कोर्ट में कुछ नई जानकारी देते हैं तो उसकी भी छानबीन की जाएगी।