Atiq ने सबसे ज्यादा मुसलमानों को बनाया निशाना, अशरफ ने मदरसे से नाबालिग का अपहरण कर रात भर किया था दुष्कर्म
अतीक के भाई अशरफ ने मदरसे से दो नाबालिग मुस्लिम लड़कियों का अपहरण कर बंदूक की नोक पर रात भर दुष्कर्म किया और बाद में मदरसे के बाहर छोड़ गए। इसके अलावा सूरज कली जिसके पति की हत्या करके गवाही के लिए धमकी दी गई थी।
By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Tue, 18 Apr 2023 08:22 AM (IST)
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। माफिया अतीक अहमद की हत्या के बाद उसके अत्याचार के शिकार लोग भी खुलकर सामने आने लगे हैं। वह अपनी बात भी कहने लगे हैं कि किस तरह उन्हें और उनके परिवार को अतीक व उसके गुर्गों ने सताया था। अगर प्रमुख पीड़ितों की बात की जाए तो 20 में 13 मुस्लिम परिवार हैं। इनमें मदरसे से अपहृत दो नाबालिग मुस्लिम लड़कियों के साथ दुष्कर्म के पीड़ित भी हैं। अतीक ने जमीन की खातिर सबसे ज्यादा हत्याएं और हमले किए थे।
रंगदारी न देने पर भी तमाम लोगों को सताया गया था। प्रयागराज में अतीक के विरुद्ध विभिन्न थानों में कुल 102 मुकदमे हैं। जबकि उसके गैंग में 200 से अधिक लोगों का नाम शामिल था। गैंग का संचालन अतीक करता था, जिसके इशारे पर शूटर सनसनीखेज वारदात को अंजाम देते थे।काल्विन अस्पताल में अतीक व अशरफ की हत्या के बाद पीड़ित परिवारों का दर्द सामने आने लगा है। पुलिस की ओर से ऐसे 20 प्रमुख लोगों की सूची जारी की गई है। इसमें बताया गया है कि उमेश पाल की पत्नी जया पाल, प्रापर्टी डीलर जीशान, मदरसा कांड में जिस लड़की से दुष्कर्म किया गया था, उसके पिता का नाम, वर्ष 1995 में मारे गए अशोक साहू के परिवार का नाम शामिल है।
आरोप है कि अतीक के भाई अशरफ ने मदरसे से दो नाबालिग मुस्लिम लड़कियों का अपहरण कर बंदूक की नोक पर रात भर दुष्कर्म किया और बाद में मदरसे के बाहर छोड़ गए। इसके अलावा सूरज कली, जिसके पति की हत्या करके गवाही के लिए धमकी दी गई थी।वर्ष 1994 में मारे गए अशफाक कुन्नू, वर्ष 2001 में मारे गए पार्षद नस्सन का परिवार, वर्ष 2003 में मारे गए भाजपा नेता अशरफ, मकसूद, देवरिया जेल कांड पीड़ित मो. जैद और लखनऊ के मोहित जायसवाल व अरशद का भी नाम है।
इसके अलावा मुंबई से बुलाकर कब्रिस्तान में पेड़ से बांधकर मारे गए जग्गा का परिवार, अल्कमा हत्याकांड में पीड़ित जाबिर व आबिद प्रधान, पार्षद सुशील यादव, पार्षद सऊद, सिक्योरिटी इंचार्ज रामकृष्ण सिंह और शाबिर उर्फ शेरू का नाम भी पुलिस की सूची में है, लेकिन गजब यह कि वर्ष 2005 में मारे गए बसपा विधायक राजू पाल के परिवार का नाम शामिल नहीं है।
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