Atiq Ahmed Son Ali: अब्बा और चाचा की हत्या के सदमे में रोता रहा अली, जेल की कोठरी में पेट के बल लेटा रहा
अली पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मामले में पिछले साल जुलाई महीने से नैनी सेंट्रल जेल की हाई सिक्योरिटी सेल में रखा गया है। इस जेल में रहते उमेश पाल हत्याकांड के बाद से अली को पिछले तीन दिन में बार-बार सदमा देने वाली खबर मिली है।
By ankur tripathiEdited By: Shivam YadavUpdated: Sun, 16 Apr 2023 11:38 PM (IST)
प्रयागराज, जागरण संवाददाता: नैनी सेंट्रल जेल में बंद बेटे अली को अब्बा अतीक अहमद और चाचा अशरफ के पुलिस कस्टडी में मारे जाने के बारे में पता चला तो वह देर तक आंसू बहाता रहा फिर पेट के बल अपनी हाई सिक्योरिटी कोठरी में लेटा रहा। उसने रोजा रखा है लेकिन शाम को भी उसने पानी भर लिया, खाने से इनकार कर दिया। उधर, लखनऊ की जेल में बंद उमर के बारे में भी ऐसी ही खबर है कि अब्बा और चाचा की मौत की खबर के बाद वह गुमसुम लेटा रहा।
अली पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मामले में पिछले साल जुलाई महीने से नैनी सेंट्रल जेल की हाई सिक्योरिटी सेल में रखा गया है। इस जेल में रहते उमेश पाल हत्याकांड के बाद से अली को पिछले तीन दिन में बार-बार सदमा देने वाली खबर मिली है। गुरुवार को भाई असद के शूटर गुलाम के साथ एनकाउंटर में मारे जाने की जानकारी बंदी रक्षकों से मिलने के बाद वह रात भर रोता रहा और दूसरे दिन भी गुमसुम रहा। रोजा तोड़ने के लिए केवल पानी लेता।
अभी अली छोटे भाई असद के एनकाउंटर के सदमे से उबर नहीं सका था कि रविवार सुबह उसे मिली खबर से आघात पहुंचा। बंदी रक्षक से अब्बा और चाचा के अस्पताल में हुए हमले में मौत के बारे में पता चला तो वह एकदम अवाक रह गया। उसकी आंखों से आंसू गिरने लगे। वह देर तक चुपचाप बैठा आंसू बहाता रहा, फिर अपनी कोठरी में पेट के बल लेट गया। वह कई घंटे तक ऐसे ही लेटा रहा। रोजा की वजह से वैसे भी दिन भर उसे खाना-पीना नहीं होता।
शाम को रोजा तोड़ने के लिए बंदी रक्षक ने उसे आल, गुड़, दूध देना चाहा तो अली ने केवल पानी लिया। उसने खाने में कुछ भी लेने से मना कर दिया। यूं पिछले तीन दिन से वह रोजा इफ्तार के बाद भी कुछ नहीं खा रहा है।
यहां बता दें कि अली को सुरक्षा के लिहाज से जेल में आम बंदियों से अलग आठ गुणे छह फीट के हाई सिक्योरिटी सेल में रखा गया है। इस सेल में शौचालय और बाथरूम भी होता है। इसके लिए बंदी को कोठरी से बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।