सावधान रहें...वरना मोबाइल एप 'एनीडेस्क' से आप ठगे जा सकते हैं, लिंक आए तो क्लिक मत करिए Prayagraj News
यह रिमोट डेस्कटॉप साफ्टवेयर टूल है। इस एप के जरिए शातिर आपके मोबाइल को एक्सेस कर लेता है और फिर किसी भी जगह से आपके फोन की जानकारी डिलीट या कॉपी कर सकता है।
प्रयागराज, जेएनएन। ऑनलाइन खरीदारी करनी हो या बैंक खाते से पैसा ट्रांसफर करना हो, ज्यादातर लोग इसके लिए मोबाइल एप का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में अगर आपके मोबाइल पर किसी सोशल मीडिया के जरिए एनीडेस्क मोबाइल एप का लिंक फारवर्ड होकर आए तो उस पर क्लिक करने से बचें। यह मोबाइल एप आपके बैंक खाते के लिए घातक हो सकता है। साइबर शातिर आजकल ऑनलाइन ठगी के लिए इसी एप का इस्तेमाल कर रहे हैं। शहर के भी कई शख्स इस एप के चक्कर में रकम गवां चुके हैं। मामले को लेकर धूमनगंज और शिवकुटी थाने में रिपोर्ट भी दर्ज हुई है।
हम यहां केसों का जिक्र करेंगे
केस-1
एडीए कॉलोनी नीम सराय निवासी अनिल सक्सेना के मोबाइल पर संदेश आया कि आपका पेटीएम ब्लॉक होने वाला है जल्दी से अपडेट कर लीजिए। संदेश के साथ ्रठ्ठ4स्रद्गह्यद्म (एनीडेस्क) एप डाउनलोड करने को कहा गया। जैसे ही उन्होंने इस एप को डाउनलोड किया, उनके खाते से 50 हजार रुपये कट गए।
केस-2
कैलाशपुरी निवासी प्रदीप शर्मा के पास एक शातिर ने फोन किया और ऑनलाइन खरीदारी करने पर कैश बैक का प्रलोभन दिया। साथ ही एनीडेस्क मोबाइल एप को डाउनलोड करने को कहा। प्रदीप ने जैसे ही डाउनलोड किया उनके खाते से चार बार में करीब 18 हजार रुपये निकल गए। तब उन्हें धोखाधड़ी का पता चला।
...इसलिए खतरनाक है यह एप
जानकारों के मुताबिक यह रिमोट डेस्कटॉप साफ्टवेयर टूल है। इस एप के जरिए शातिर आपके मोबाइल को एक्सेस कर लेता है और फिर किसी भी जगह से आपके फोन की जानकारी डिलीट या कॉपी कर सकता है। बैंकिंग डाटा समेत अन्य जानकारी चुरा सकता है। एप डाउनलोड होने पर एक कोड जेनरेट होता है, जिसे लोग अनजाने में ओके कर देते हैं। कहा जा रहा है कि यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआइ) के जरिए ऑनलाइन बैंकिंग फ्राड को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी इस एप को लेकर एडवाइजरी जारी की है।
यह बरतें सावधानी
- इस एप को किसी भी दशा में डाउनलोड न करें
- गूगल पर मौजूद कस्टमर केयर का नंबर न लें
- पैसा ट्रांसफर के लिए अजनबी की मदद न लें
- बैंक के अधिकृत मोबाइल एप का इस्तेमाल करें
- अंजान व्यक्ति के किसी भी झांसे में न आएं।
बोले एसपी क्राइम
एसपी क्राइम आशुतोष मिश्रा कहते हैं कि एनीडेस्क मोबाइल एप से धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं। साइबर शातिरों ने ठगी करने का नया तरीका अपनाया है, जिससे लोगों को सावधान रहने की जरूरत है।