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दक्षिण भारत से आए पर्यटकों का प्रयागराज जंक्शन पर भांगड़ा करते हुए किया भाजपाइयों ने स्वागत

काशी-तमिल संगमम कार्यक्रम के तहत तमिलनाडु केरल कर्नाटक आंध्रप्रदेश से आए पर्यटकों के दल का भाजपाइयों ने जंक्शन पर भव्य स्वागत किया। ढोल ताशा नगाड़ा बजाने के साथ भांगड़ा भी हुआ। पुष्प वर्षा कर यात्रियों को टीका और अक्षत लगाकर सनातन संस्कृति की साम्यता को भी दर्शाया।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Fri, 18 Nov 2022 11:15 PM (IST)Updated: Fri, 18 Nov 2022 11:15 PM (IST)
तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश से आए पर्यटकों के दल का भाजपाइयों ने जंक्शन पर भव्य स्वागत किया

प्रयागराज, जेएनएन। काशी-तमिल संगमम कार्यक्रम के तहत तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश से आए पर्यटकों के दल का भाजपाइयों ने जंक्शन पर भव्य स्वागत किया। ढोल, ताशा, नगाड़ा बजाने के साथ भांगड़ा भी हुआ। पुष्प वर्षा कर यात्रियों को टीका और अक्षत लगाकर सनातन संस्कृति की साम्यता को भी दर्शाया।

काशी-तमिल संगमम योजना के तहत आया पहला जत्था

भाजपा महानगर अध्यक्ष गणेश केसरवानी ने कहा, पार्टी की ओर से काशी-तमिल संगमम कार्यक्रम देश की अनेकता में एकता की विशेषता को बताने वाला आयोजन है। उत्तर और दक्षिण के बीच की खाई को भी यह पाटने में सहायक साबित होगा। राजेश केसरवानी ने बताया कि पर्यटकों का यह दल काशी जा रहा है।

21 नवंबर को प्रयागराज भ्रमण के बाद जाएंगे अयोध्या

काशी से तमिल यात्रियों का दल 21 नवंबर को प्रयागराज आएगा। संगम स्नान के बाद लेटे हुए हनुमानजी के दर्शन, अमरशहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क के इतिहास को जानने के साथ भ्रमण भी करेगा। स्वामी नारायण मंदिर में दर्शन व प्रसाद ग्रहण कर अयोध्या के लिए रवाना होगा। उस दिन भी पार्टी के कार्यकर्ता सभी यात्रियों का स्वागत करेगे। जंक्शन पर स्वागत के दौरान अवधेश चंद्र गुप्ता, अश्वनी दुबे, विभवनाथ भारती, कुंज बिहारी मिश्रा, देवेश सिंह, वरुण केसरवानी, रमेश पासी, विवेक अग्रवाल आदि मौजूद रहे। रेलवे और प्रशासन के अफसरों ने भी तीर्थयात्रियों का स्वागत किया।

तीर्थयात्रियों के 12 जत्थे आएंगे

भाजपा की यमुनापार इकाई के प्रवक्ता दिलीप चतुर्वेदी ने बताया कि काशी-तमिल संगमम के तहत 17 दिसंबर तक तीर्थयात्री अलग अलग जत्थे में आएंगे। पहले जत्थे में विद्यार्थी शामिल हैं। उन्हें उत्तर भारत की संस्कृति से परिचित कराने का प्रयास किया जा रहा है। कुल 12 जत्थे आने हैं। दूसरे दल में कलाकार, तीसरे में साहित्यकार, चौथे में साधु संत, पांचवें में व्यवसायी, छठवें में शिक्षक, सातवें समूह में पुरातात्विक महत्व की समझ रखने वाले लोग शामिल होंगे। आठवें दल में उद्यमी, नौवें में विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे अपने अपने विषय के विशेषज्ञ, दसवें दल में मंदिरों के पुजारी, ग्यारहवें दल में सामान्य ग्रामीण और किसान रहेंगे जबकि 12वें दल में सांस्कृतिक कलाकार आएंगे। इस आयोजन के माध्यम से एक भारत श्रेष्ठ भारत की संकल्पना को मजबूत बनाने का प्रयास है।


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