Allahabad University के SSL हास्टल में रैगिंग का मामला, एंटी रैगिंग पोर्टल ने चीफ प्राक्टर से किया जवाब-तलब
पीडि़त छात्रों ने बताया कि प्रकरण की शिकायत विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अफसरों से की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। आरोप लगाया गया है कि कार्रवाई करने के बजाय प्रशासनिक अफसर मामले को दबाने में जुट गए। मामले की शिकायत एंटी रैगिंग पोर्टल पर कर दी गई।
By Brijesh SrivastavaEdited By: Updated: Fri, 13 Aug 2021 10:57 AM (IST)
प्रयागराज, जागरण संवाददात। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के सर सुंदर लाल छात्रावास में रैगिंग का मामला प्रकाश में आया है। रैगिंग पीडि़त छात्रों ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अफसरों पर मामले को दबाने का भी आरोप लगाया है। शिकायत एंटी रैंगिंग पोर्टल पर की गई तो विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अफसरों में खलबली मच गई है। मामले को गंभीरता से लेते हुए एंटी रैगिंग पोर्टल ने चीफ प्राक्टर प्रोफेसर हर्ष कुमार से जवाब तलब कर लिया। ऐसे में अफसरों में खलबली मच गई। चीफ प्राक्टर ने बताया कि मामले में पोर्टल ने ई-मेल किया है। अब आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। इसके बाद जांच के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी।
रैगिंग का विरोध करने पर हास्टल से भगायापीडि़त छात्रों ने बताया कि छह अगस्त को रात तकरीबन डेढ़ से दो बजे के आसपास उत्तम त्रिपाठी, आनंद कौशल सिंह, अमन सिंह सोमवंशी और अभिषेक यादव ने उनकी रैगिंग शुरू कर दी। विरोध करने पर उन लोगों ने विवेक यादव, प्रवीण सिंह और आलोक सिंह ज्वाला के साथ मिलकर पिटाई कर दी। साथ ही लैपटाप, मोबाइल के अलावा उनके शैक्षणिक अभिलेख छीन लिए और उसमें आग लगा दिए। इसके बाद खुद आरोपितों ने उनके खिलाफ कर्नलगंज थाने में मुकदमा भी दर्ज करा दिया।
रैगिंग के आरोप में हो चुकी है कार्रवाईपीडि़त छात्रों ने यह भी बताया कि इसके पहले भी इन लोगों ने रैगिंग की थी। इसके आरोप में विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अफसरों ने इनके खिलाफ कार्रवाई भी की थी। यही नहीं इन सभी को विश्वविद्यालय और हास्टल से निष्कासित किया जा चुका है।
शिकायत पर नहीं हुई कार्रवाईपीडि़त छात्रों ने बताया कि प्रकरण की शिकायत विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अफसरों से की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। आरोप लगाया गया है कि कार्रवाई करने के बजाय प्रशासनिक अफसर मामले को दबाने में जुट गए। इस लिहाज से मामले की शिकायत एंटी रैगिंग पोर्टल पर कर दी गई।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन से पोर्टल ने मांगा जवाब
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