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Chhath Puja Nahay Khay 2022: नहाय-खाय से आज छठ पूजन शुरू, जानें चार दिनों तक क्‍या रहेगा प्रतिबंधित

Chhath Puja Nahay Khay 2022 चार दिवसीय छठ पूजा की आज से शुरूआत होगी। शाकाहारी भोजन करेंगी। चार दिनों तक घर में कोई लहसुन प्याज मांस मदिरा का कोई सेवन नहीं करेगा। डाला छठ पूजा का सबसे खास प्रसाद ठेकुआ है। इसी को खाकर व्रत का पारण किया जाता है।

By Jagran NewsEdited By: Brijesh SrivastavaUpdated: Fri, 28 Oct 2022 09:17 AM (IST)
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Chhath Puja 2022: नहाय-खाय से छठ पूजन आज से, कल खरना व परसों अस्‍ताचल सूर्य को व्रती महिलाएं अर्घ्‍य देंगी।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। Chhath Puja Nahay Khay 2022 आज शुक्रवार 28 अक्‍टूबर को नहाय-खाय से छठ पूजा व्रत की अनौपचारिक शुरुआत होगी। 36 घंटे निर्जला व्रत रहकर महिलाएं छठी मइया की स्तुति करेंगी। व्रती महिलाएं कार्तिक शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि पर नए वस्त्र धारण करके छठी मइया का ध्यान करके व्रत के सकुशल पूर्ण होने की कामना करेंगी। कल 29 अक्‍टूबर को खरना मनाया जाएगा और परसों यानी 30 अक्‍टूबर को डूबते सूर्य की पूजा करेंगी। सूर्योपासना का महापर्व डाला छठ का मुख्य व्रत रविवार को है। इस दिन सुबह उगले सूर्य की नदी जल में खड़ी होकर महिलाएं अर्घ्‍य देकर आराधना करेंगी।

पूजन का शुभ मुहूर्त : ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी के अनुसार कार्तिक शुक्लपक्ष तृतीया तिथि शुक्रवार से डाला छठ व्रत आरंभ हो जाएगा। षष्ठी तिथि 30 अक्टूबर की सुबह 8.15 मिनट पर लगकर अगले दिन अर्थात 31 अक्टूबर की सुबह 5.53 बजे तक रहेगी। इसके बाद सप्तमी तिथि लग जाएगी। 30 अक्टूबर को सर्यास्त शाम 6.26 बजे होगा। तभी डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।

चार दिनों तक लससुन, प्‍याज आदि वर्जित : चार दिवसीय छठ पूजा की आज से शुरूआत होगी। शाकाहारी भोजन करेंगी। चार दिनों तक उनके घर में कोई भी व्यक्ति लहसुन, प्याज, मांस मदिरा का कोई सेवन नहीं करेगा।

36 घंटे का निर्जला व्रत : डाला छठ पर महिलाएं बच्चों व परिवार की सुख-समृद्धि, शांति व लंबी आयु के लिए 36 घंटे का निर्जला व्रत रखकर पूजन करती हैं। षष्ठी तिथि पर डूबते सूर्य को अर्घ्‍य देने के बाद कुछ व्रती महिलाएं घर आकर रातभर जागरण करती हैं। वहीं, कुछ श्रद्धालु घाट पर ही जागरण करते हैं।

खास प्रसाद ठेकुआ : डाला छठ पूजा का सबसे खास प्रसाद ठेकुआ है। इसे गेहूं के आटे में देशी घी और चीनी मिलाकर बनाते हैं। इसी को खाकर व्रत का पारण किया जाता है।

छठी मइया के पूजन की सामग्री : पूजन में यह सामग्री है शुभ छठी मइया को नींबू, नारंगी, गन्ना, नारियल, सिंघाड़ा व ठेकुआ अर्पित किया जाता है। नींबू व नारंगी का रंग पीला होता है। यह रंग शुभ होता है। गन्ना का मंडप बनाकर उसी के अंदर पूजा की जाती है। गन्ना समृद्धि का प्रतीक है। जबकि सिंघाड़ा रोगनाशक होता है। इसी प्रकार केला, सुपाड़ी, पान, अमरूद व नारियल भी पवित्र होते हैं।

क्‍या है नहाय-खाय और खरना : नहाय-खाय में घर की सफाई कर उसे शुद्ध किया जाएगा। इसके बाद छठव्रती स्नान कर शुद्ध शाकाहारी भोजन होगा। इसमें भगवान सूर्य और छठी माता की उपासना की जाती है। 29 अक्टूबर को खरना होगा। इसमें इसमें दिनभर का उपवास रखकर अगले दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए प्रसाद बनाया जाता है। शाम को पूजा के लिए गुड़ से खीर मिट्टी के नए चूल्हे पर आम की लकड़ी से आग जलाकर बनाती हैं।<

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