प्रयागराज में 'लॉक' प्रतियोगी छात्रों पर पड़ रही आर्थिक चोट, मकान मालिक बना रहे किराया देने का दबाव
Coronavirus lockdown प्रयागराज में प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने के लिए छात्र होली बीतने के बाद आकर तैयारी करने लगे। लॉकडाउन घोषित होने पर वहां यहीं फंसे रह गए।
By Umesh TiwariEdited By: Updated: Mon, 27 Apr 2020 08:38 PM (IST)
प्रयागराज, जेएनएन। Coronavirus lockdown : प्रतियोगी छात्रों के गढ़ प्रयागराज में उनके साथ उपेक्षापूर्ण व्यवहार हो रहा है। लॉकडाउन की बंदिशों के बीच मकान मालिक प्रतियोगियों पर किराया देने का दबाव बना रहे हैं, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मकान मालिकों को किराया न लेने का निर्देश दे चुके हैं, लेकिन मुख्यमंत्री के आदेश का प्रयागराज के मकान मालिकों पर असर नहीं हुआ। प्रयागराज में बड़ी संख्या में प्रतियोगी रहते हैं।
इधर, उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की बीईओ 2019, कंप्यूटर सहायक 2019 व पीसीएस 2019 मुख्य परीक्षा होनी थी। इन परीक्षाओं में शामिल होने के लिए प्रतियोगी होली का त्योहार बीतने के बाद शहर आकर तैयारी करने लगे। लॉकडाउन घोषित होने पर वहां यहीं फंसे रह गए। कहीं आने-जाने में पाबंदी होने के कारण अधिकतर प्रतियोगियों का राशन भी खत्म हो गया है। वह आस-पास की दुकानों से उधार लेकर काम चला रहे हैं। अब किराया मांगने से उनकी दिक्कत बढ़ गई है। पैसा न देने पर मकान मालिक कमरा खाली करने का दबाव बना रहे हैं। प्रतियोगियों को इस मामले में प्रशासन से कोई मदद नहीं मिल पा रही है।
झेलते हैं यह समस्या
प्रतियोगियों के रहने के लिए कई मोहल्लों में 10 से लेकर 300 कमरों का लॉज बनाया गया है। वहां सिंगल कमरा का किराया दो से तीन हजार रुपये है। 15 से 20 कमरे के बीच में एक शौचालय होता है। लॉज से अलग कमरा लेने पर न्यूनतम किराया 2500 रुपये है। सबको बिजली का पैसा अलग से देना होता है।हो चुका खूनी संघर्ष
किराए को लेकर प्रयागराज में प्रतियोगियों व मकान मालिकों के बीच हर तीन-चार साल में खूनी संघर्ष होता रहा है। बघाड़ा में 2010 में मकान मालिक ने एक छात्र को छत से नीचे फेक दिया था जिससे उसकी मौत हो गई थी। इसको लेकर कई दिनों तक बवाल चला था। वहीं, 2012, 2014 व 2017 में किराया को लेकर छात्रों व लॉज मालिकों में विवाद हुआ है।यह भी पढ़ें : प्रयागराज में फंसे करीब दस हजार प्रतियोगी छात्रों को घर भेजेगी योगी सरकार
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।