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Cyber ​​Crime: साइबर ठगों से सावधान रहें, अब फर्जी फौजी बनकर भी लोगों को आनलाइन ठग रहे हैं

Cyber ​​crime आनलाइन ठगों ने फौजी बनकर प्रयागराज के राजुल कुशवाहा से 95 हजार रुपये ठग लिए। इससे परेशान भुक्तभोगी ने शहर के दारागंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसलिए साइबर अपराधियों से सभी को सावधान रहने की जरूरत है। कोई भी फोन आए तो अवश्‍य जांच-परख लें।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 03 Jul 2022 04:04 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jul 2022 04:04 PM (IST)
साइबर अपराधी लोगों को ठगने के लिए तरह-तरह के तरीके अपनाते हैं।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। साइबर अपराधी लोगों को ठगने के लिए नित नए तरीके ढूंढ लेते हैं। उनके झांसे में आकर लोग अपनी गाढ़ी कमाई गंवा बैठते हैं। प्रयागराज के एक युवक से 95 हजार साइबर ठगों ने नकली फौजी बनकर ठग लिए। आप भी ऐसे लोगों से सावधान रहें। अगर कोई फोन आए तो अच्‍छी तरह जांच-परख कर ही आगे कदम उठाएं वरना परेशान हो सकते हैं।

गूगल-पे के जरिए धोखाधड़ी करके कई बार में निकाल लिए रुपये : आनलाइन ठगों ने फौजी बनकर प्रयागराज के राजुल कुशवाहा से 95 हजार रुपये ठग लिए। इससे परेशान भुक्तभोगी ने शहर के दारागंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। कच्ची सड़क दारागंज निवासी राजुल ने पुलिस को बताया कि कुछ दिन पहले एक शख्स ने फौजी बनकर फोन किया। कहा कि चर्मरोग के संबंध में परामर्श लेना है और 475 लोगों के लिए सेना की ओर से आनलाइन पैसा दिया जाएगा। इसके बाद गूगल-पे के जरिए धोखाधड़ी करके कई बार में 95 हजार रुपये खाते से गायब कर दिया गया। ठगी करने वाले ने सीआइएसएफ डिफेंस का आइकार्ड भी वाट्सएप पर भेजा था।

लोन एकाउंट से धोखाधड़ी कर पैसा उड़ाने वाला गिरफ्तार : बजाज फाइनेंस लोन एकाउंट से धोखाधड़ी कर पैसा उड़ाने वाले धीरज प्रजापति को साइबर सेल की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। उसके कब्जे से 45 हजार रुपये, लैपटाप, मोबाइल, छह डेबिट कार्ड, 10 मोबाइल सिम, तीन पासबुक, आधार कार्ड व बाइक बरामद हुआ। अभियुक्त लखनीपुर पट्टी प्रतापगढ़ का रहने वाला है और प्रयागराज शहर में कारपेंटरी चौराहे पर स्थित श्रीओम इंटरप्राइजेज में काम करता है।

ऐसे करता था धोखाधड़ी : पुलिस का कहना है कि कुछ दिन पहले मयंक श्रीवास्तव के बजाज फाइनेंस लोन एकाउंट पर दूसरा लोन लिया था। शिवकुटी थाने में मुकदमा दर्ज होने के बाद जांच की गई तो पता चला कि धीरज ने बिना आइडी के एक्टिवेटेड सिम खरीदकर पेटीएम लाग इन किया था। उस नंबर पर पहले से हिमांशु पाल का पेटीएम एकाउंट बना था। तब उसने एकाउंट का लाग इन करके सारा पैसा अपने खाते में ट्रांसफर कर लिया था। यह भी बताया कि वह ग्राहकों का कार्ड डाटा भी अपने मोबाइल में सेव करके धोखाधड़ी करता था।


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