DasLakshan Parva: 10 दिवसीय पर्व शुरू, पहले दिन उत्तम क्षमा धर्म की आराधना में जुटे जैन अनुयायी
Dashlakshana Parva प्रयागराज के श्री दिगंबर जैन पंचायती सभा प्रयाग के तत्वाधान में जीरोरोड स्थित जैन मंदिर में आचार्य विज्ञान भूषण महाराज के सानिध्य में एवं पंडित सुनील जैन के निर्देशन में दशलक्षण पर्व का पहला दिन उत्तम क्षमा धर्म की आराधना के रुप में मनाया गया।
By Brijesh SrivastavaEdited By: Updated: Wed, 31 Aug 2022 04:02 PM (IST)
प्रयागराज, जेएनएन। जैन धर्म के अनुयायियों का दशलक्षण पर्व आज बुधवार से शुरू हो गया है। इसे पर्युषण पर्व भी कहते हैं। प्रयागराज और प्रतापगढ़ जिलों में दस दिवसीय इस पर्व का पहला दिन उत्तम क्षमा धर्म की आराधना के रूप में मनाया गया। 10 दिनों तक जैन समाज के लोग आराधना, व्रत करेंगे। प्रतिदिन विविध आयोजन इस दौरान होंगे।
मंत्रोच्चार के साथ अभिषेक, पूजन एवं आरती : प्रयागराज के श्री दिगंबर जैन पंचायती सभा प्रयाग के तत्वाधान में जीरोरोड स्थित जैन मंदिर में आचार्य विज्ञान भूषण महाराज के सानिध्य में एवं पंडित सुनील जैन के निर्देशन में दशलक्षण पर्व का पहला दिन उत्तम क्षमा धर्म की आराधना के रुप में मनाया गया। प्रात:काल पंडित सुनील जैन के निर्देशन में मंत्रोचार के साथ भगवान महावीर स्वामी का अभिषेक, पूजन एवं आरती हुई। विश्व शांति की कामना से की गई प्रथम शांतिधारा नवीन चंद्र जैन एवं रवि जैन ने सपरिवार किया।
प्रयागराज में कहां-कहां मनाया जा रहा पर्व : नगर के कर्नलगंज, बेनीगंज, ऋषभदेव तपस्थली अंदावा, नैनी में दशलक्षण का पहला दिन हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सायंकालीन मंदिर मे आरती एवं महिला मंडल द्वारा 12 वर्ष तक के बच्चों की भजन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
पर्युषण पर्व आत्मशुद्धि का देता है अवसर : उत्तम क्षमा धर्म के बारे में आचार्य विज्ञान भूषण महाराज ने बताया कि क्षमा से व्यक्ति को इस लोक के साथ अगले लोक में सुख मिलता है। जीवन के हर कार्य के साथ क्षमा होना आवश्यक है, तभी वह अपने आप को संकट से बचा सकता है। उन्होंने बताया कि पर्युषण पर्व आत्मशुद्धि का अवसर प्रदान करता है। इसलिए इस दौरान अहिंसा यानी किसी को दुख, कष्ट ना देना, सत्य के मार्ग पर चलना, चोरी ना करना, ब्रह्मचर्य का पालन करना ही जैन धर्म के सिद्धांतों को रेखांकित करता है।
कल उत्तम मार्दव धर्म की आराधना होगी : नगर के कर्नलगंज स्थित जैन मंदिर में चातुर्मास कर रहे जैन आचार्य भद्रबाहु सागर महाराज ने बताया कि आज उत्तम क्षमा धर्म का दिन है। क्रोध, अज्ञानता से शुरू होकर पश्चाताप पर समाप्त होता है। उन्होंने जीवन में कभी-भी क्रोध नहीं करने की बात कही। उन्होंने कहा कि क्षमा ही वह शक्ति है, जिसमें वैचारिक प्रदूषण से मुक्ति मिलती है। राजेश कुमार जैन ने बताया कि कल एक सितंबर को उत्तम मार्दव् धर्म की आराधना की जाएगी।
प्रतापगढ़ में पर्युषण पर्व की धूम : प्रतापगढ़ जिले में जैन धर्म का पर्युषण पर्व बुधवार से शुरू हो गया। जैन मंदिर को सुंदर ढंग से सताया गया है। 10 दिन तक मनाए जाने वाले इस पर्व में जैनियों द्वारा व्रत रखा गया है। शहर के मुख्य दिगंबर जैन मंदिर बाबागंज में भगवान का अभिषेक व आरती की गई। त्याग, तप और आराधना के इस पर्व को पर्वराज भी कहा जाता है।जैन अनुयायी उपवास रख त्याग, तपस्या व साधना करेंगे : इसमें जैन धर्म के अनुयायी उपवास रख त्याग, तपस्या और साधना करेंगे। अपनी इंद्रियों पर काबू पाने और आत्मशुद्धि के लिए संयम की साधना करेंगे। जैन धर्म के दसलक्षण महापर्व का शुभारंभ महाभिषेक से हुआ। सर्वप्रथम 108 कलशों से भगवान महावीर स्वामी का महामस्तकाभिषेक किया गया। परंपरा के अनुसार दसलक्षण धर्म के प्रथम व्रत उत्तम क्षमा का पूजन किया गया। बताया गया कि इस दसलक्षण धर्म के 10 अणुव्रतों में पहला अणुव्रत उत्तम है। मस्तकाभिषेक के बाद विश्व की शांति के लिए शांतिधारा की गई। इसमे समाज के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। पर्युषण पर्व के पहले दिन मंदिर में सुबह से ही समाज के लोगों की भीड़ इकट्ठा होने लगी। इस दौरान रतन जैन, प्रकाश जैन आनंद जैन, अरविंद जैन, आकर्ष जैन, रवि जैन, राजू जैन, नगीना जैन, सिताब जैन, मंजू जैन, पूनम जैन आदि मौजूद रहे।
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