Dhanteras 2022: धनतेरस पर आज शुभ योग है, राशि के अनुसार करें खरीदारी, झाड़ू भी जरूर खरीदें
Dhanteras 2022 ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी बोले कि आज शाम 4.34 बजे से त्रयोदशी तिथि लगेगी। कुंभ की स्थिर लग्न दाेपहर 2.31 से 4.03 बजे तक रहेगी। इसमें पूजन खरीदारी की जा सकती है। शाम 4.04 बजे से 5.29 बजे तक मीन लग्न में खरीदारी व पूजन करें।
By Jagran NewsEdited By: Brijesh SrivastavaUpdated: Sat, 22 Oct 2022 03:25 PM (IST)
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। Dhanteras 2022 ज्योतिषाचार्य अमित बहोरे के अनुसार धनतेरस के दिन झाड़ू जरूर खरीदना चाहिए। झाड़ू लक्ष्मी का प्रतीक मानी जाती है, क्योंकि वो घर से दरिद्रता रूपी गंदगी को साफ करती हैं। झाड़ू खरीदने वाले व्यक्ति के घर सुख-समृद्धि का वास होता है। इसके अलावा यथासंभव वस्त्र, वाहन, रत्न, आभूषण, बर्तन खरीदना चाहिए।
धनतेरस पर दुर्लभ संयोग : कार्तिक कृष्णपक्ष की त्रयोदशी तिथि पर आज शनिवार को धनतेरस का पर्व मनाया जाएगा। इस बार धनतेरस पर शनि प्रदोष, उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र, एैंद्र व ब्रह्म योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। धनतेरस पर किस शुभ मुहूर्त में खरीदारी करना श्रेष्ठ रहेगा और पूजन का अच्छा समय क्या है, आइए जानें इस पर ज्योतिर्विद क्या कहते हैं।
आज पूजन करने से ऐश्वर्य व आरोग्यता की प्राप्ति होती है : शनि प्रदोष, उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र, एैंद्र व ब्रह्म योग के दुर्लभ संयोग इस बार धनतेरस को है। ज्योतिर्विद बताते हैं कि इसमें बर्तन, आभूषण, वस्त्र, वाहन आदि खरीदकर मां लक्ष्मी, कुबेर, गणेश व धनवंतरि का पूजन करने वाले व्यक्ति को ऐश्वर्य व आरोग्यता की प्राप्ति होती है। व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में बही-खाता भी इसी दिन बदला जाता है।
आचार्य देवेंद्र ने धनतेरस का शुभ मुहूर्त बताया : ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी ने धनतेरस का शुभ मुहूर्त बताया। उनके अनुसार शनिवार 22 अक्टूबर की शाम 4.34 बजे से त्रयोदशी तिथि लगेगी। कुंभ की स्थिर लग्न दाेपहर 2.31 से 4.03 बजे तक रहेगी। इसमें पूजन के साथ खरीदारी की जा सकती है। इसके बाद शाम 4.04 बजे से 5.29 बजे तक मीन लग्न रहेगी। इसी लग्न में गुरु बैठे हैं। ये खरीदारी व पूजन का सबसे उपयुक्त समय है।
लक्ष्मी व धनवंतरि का पूजन विधि : पराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय के अनुसार माता लक्ष्मी समृद्धि और धनवंतरि निरोगी काया के प्रतीक माने जाते हैं। इसीलिए धनतेरस पर इनका पूजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि राशि के अनुसार धनतेरस पर खरीदारी पुण्यकारी होता है।
राशि के अनुसार खरीदारी मेष : तांबा की देव मूर्तियां, बर्तन, भूमि और भवन।
वृषभ : चांदी के आभूषण, सिक्के, लक्ष्मी-गणेश मूर्ति व वस्त्र।मिथुन: स्वर्ण आभूषण, पुखराज व लाल वस्त्र।कर्क : लक्ष्मी-गणेश, चांदी के आभूषण, चांदी सिक्के।सिंह : तांबा बर्तन व देव मूर्ति, सोने की देव मूर्ति व आभूषण, वाहन।कन्या : चांदी-सोना आभूष्याण या मूर्तियां, स्टील बर्तन, वस्त्र।
तुला : इलेक्ट्रानिक वस्तुएं, तांबा के बर्तन, फर्नीचर।वृच्छिक : देव मूर्तियां, तांबा के बर्तन, भूवि या भवन।धनु : सोना निर्मित देव मूर्ति व आभूषण, वस्त्र व पुखराज।मकर : स्टील बर्तन, रत्नों में नीलम या नीली, इलेक्ट्रानिक सामान।कुंभ : नए वस्त्र, तांबा की देव मूर्तियां, रत्नों में नीलम या नीली।मीन : सोने की देव मूर्ति व आभूषण, सुनहला।
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