Dinesh Singh Birth Anniversary: राजा दिनेश ने दिलाई थी प्रतापगढ़ को पहचान, गर्व से लिया जाता है आज भी उनका नाम
देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के सलाहकार के रूप में कालाकांकर रियासत के राजा दिनेश सिंह ने अपनी राजनीतिक पारी शुरू की और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वे नरसिम्हाराव की सरकार तक में केंद्रीय मंत्री रहे। उनका राजनीतिक सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा।
By Ankur TripathiEdited By: Updated: Tue, 19 Jul 2022 06:30 AM (IST)
प्रयागराज, जेएनएन। प्रतापगढ़ जनपद में कालाकांकर रियासत के राजा दिनेश सिंह ने विदेश में बेल्हा को पहचान दिलाई थी। उनकी जन्मतिथि आज 19 जुलाई को है। उन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू के सलाहकार के रूप में अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। उनका नाम आज भी जनपद में गर्व से लिया जाता है। उन्होंने विदेश मंत्री के रूप में धर्म निरपेक्षता नीति के तहत कार्य किया था।
प्रतापगढ़ में एटीएल की स्थापना कर मिटाया था उद्योग शून्यता का कलंक
प्रतापगढ़ संसदीय क्षेत्र से चार बार चुनाव जीतने का रिकार्ड भी उन्हीं के नाम है। बेरोजगारी दूर करने को उन्होंने प्रयास करके एटीएल कारखाने की यहां स्थापना कराकर उद्योग शून्यता का कलंक मिटाया था। हालांकि बाद में यह फैक्ट्री बंद हो गई।
प्रतापगढ़ संसदीय क्षेत्र से चार बार चुनाव जीतने का रिकार्ड भी उन्हीं के नाम है। बेरोजगारी दूर करने को उन्होंने प्रयास करके एटीएल कारखाने की यहां स्थापना कराकर उद्योग शून्यता का कलंक मिटाया था। हालांकि बाद में यह फैक्ट्री बंद हो गई।
जवाहर लाल नेहरू के सलाहकार के रूप में शुरू किया था राजनीतिक सफरदेश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के सलाहकार के रूप में राजा दिनेश सिंह ने अपनी राजनीतिक पारी शुरू की और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वे नरसिम्हाराव की सरकार तक में केंद्रीय मंत्री रहे। उनका राजनीतिक सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा। यूं तो वह नेहरू गांधी परिवार के खास कहलाते थे, लेकिन एक दौर ऐसा भी रहा, जब उन्होंने इंदिरा गांधी का साथ छोड़ दिया था। कालाकांकर राजभवन में महात्मा गांधी ने 1929 में राजा अवधेश सिंह के सामने पंचायती राज का जो सपना देखा था, उसे राजा दिनेश सिंह के सहयोग से राजीव गांधी ने अपने प्रधानमंत्रित्व काल में लागू किया। वह जनपद के पहले ऐसे सांसद रहे, जो जीवन के आखिरी दिनों में केंद्र सरकार में बिना विभाग के मंत्री बनाए गए थे। उन्होंने जनपद की औद्योगिक पहचान बनाने के लिए आटो ट्रैक्टर लिमिटेड (एटीएल) की स्थापना कराई थी, जिसमें कभी हजारों नौजवान काम किया करते थे। बाद में यह फैक्ट्री बंद हो गई। हालांकि वर्तमान सांसद के प्रयास से अब इसके पुन: शुरू होने की उम्मीद जगी है। इसमें कई तरह के उद्योग लगाने को उद्यमियों को आमंत्रित किया गया है।
राजा दिनेश सिंह की बेटी पूर्व सांसद राजकुमारी रत्ना सिंह बताती हैं कि पिताजी के जन्मतिथि पर ही स्व. इंदिरा गांधी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था। पूरे देश के लोगों को आज इसका लाभ मिल रहा है। वर्ष 1977 में जब जनता पार्टी की सरकार बनी और अटल बिहारी वाजपेयी विदेशमंत्री बने तो शपथ लेने के बाद वह राजा दिनेश सिंह के पास गए और विदेश नीति के बारे में परामर्श किया था।जन्मतिथि पर कृषि विज्ञान केंद्र पर मेला आज
राजा दिनेश सिंह की जन्मतिथि पर कृषि विज्ञान केंद्र ऐंठू में जनपद स्तरीय खरीफ गोष्ठी एवं किसान मेले का आयोजन किया गया है। यह जानकारी कालाकांकर राज घराने के कुंवर मनीष सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि राजा साहब द्वारा स्थापित कृषि विज्ञान केंद्र जनपद के किसानों के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है। इससे किसानों को नई-नई तकनीक की जानकारी मिल रही है।
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