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Diwali 2022 Laxmi Puja Muhurat: दीपावली पर अमृत संयोग खोलेगा समृद्धि के द्वार, देखें पूजन का शुभ मुहूर्त

Diwali 2022 Laxmi Puja Muhurat आचार्य विद्याकांत पांडेय के अनुसार मां लक्ष्मी के पूजन में कमलगट्टे का विशेष महत्व है। कमलगट्टे की माला बनाकर उससे ओम श्रीं हृीं श्री कमले कमलालये प्रसीद-प्रसीद ओम श्रीं हृीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम का 108 बार जाप करने से मां लक्ष्मी अतिशीघ्र प्रसन्न होती हैं।

By Jagran NewsEdited By: Brijesh SrivastavaUpdated: Sun, 23 Oct 2022 03:03 PM (IST)
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Deepawali 2022 Laxmi Puja Muhurat ज्‍योतिर्विद बोले कि शुभ मुहूर्त में दीवाली पर विधि-विधान से पूजन व दीपदान करें।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। सुख-समृद्धि का पर्व दीपावली कार्तिक कृष्णपक्ष की अमावस्या पर सोमवार 24 अक्‍टूबर को मनाया जाएगा। सनातन धर्मावलंबी मां लक्ष्मी, श्रीगणेश, कुबेर व इंद्र का पूजन करके समृद्धि की कामना करेंगे। दीपावली पर्व पर पूजन के तीन स्थिर लग्न मिल रहे हैं। यही नहीं सोमवार दिन, चित्रा नक्षत्र व विष्कुंभ के मिलन से अमृत का संयोग भी बन रहा है, जिसमें पूजन, दान व खरीदारी करने से समृद्धि के द्वार खुलेंगे।

लक्ष्‍मी-गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त : ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी के अनुसार सोमवार को चतुदर्शी तिथि शाम 5.04 बजे तक रहेगी। शाम 5.05 बजे से अमावस्या लग जाएगी, जो 25 अक्टूबर की शाम 4.35 बजे तक रहेगी। 24 अक्टूबर की दोपहर 2.23 से 3.54 बजे तक कुंभ की स्थिर लग्न रहेगी। इसके बाद शाम 6.59 से रात 8.55 बजे तक वृष की स्थिर लग्न है, जबकि रात 1.27 से 3.41 बजे तक सिंह लग्न रहेगी। बही-खाता बदलने व पूजन इन्हीं तीनों समय में करना उपयुक्त रहेगा। बताते हैं कि सोमवार को विष्कुंभ योग, चित्रा नक्षत्र के मिलन से अमृत के समान संयोग बन रहा है। इसी दिन अमावस्या व दीपावली का पर्व होना, तुला राशि में सूर्य, शुक्र, केतु का संचरण होना समृद्धि प्राप्ति का द्वार खोलेगा।

पहले पुरुष फिर महिलाएं करें पूजन : पराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय के अनुसार मां लक्ष्मी के पूजन में विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। पूजन से पहले स्नान करके सफेद वस्त्र धारण करें। चौकी में लक्ष्मी, गणेश व कुबेर की मूर्ति को रखकर उसमें मौली बांधें फिर चौकी पर छह चौमुखे व 26 छोटे घी के दीपक जलाएं। इसके बाद देवताओं को गंगाजल से स्नान कराने के बाद रोली, अक्षत, मिष्ठान, धूप, धान का लावा, मधु, सफेद मेवा, दीप आदि अर्पित करें। फिर मां लक्ष्मी का मन में आह्वान करते हुए ''लक्ष्मीस्रोत व श्रीसूक्त' का पाठ करें। पुरुषों को पहले पूजा करना चाहिए, बाद में महिलाएं पूजा करें।

मां लक्ष्मी को ऐसे करें प्रसन्न : आचार्य विद्याकांत पांडेय बताते हैं कि मां लक्ष्मी के पूजन में कमलगट्टे का विशेष महत्व है। कमलगट्टे की माला बनाकर उससे 'ओम श्रीं हृीं श्री कमले कमलालये प्रसीद-प्रसीद ओम श्रीं हृीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:' का 108 बार जाप करने से मां लक्ष्मी अतिशीघ्र प्रसन्न होती हैं।

मध्यरात्रि में करें मां काली की पूजा, जानें पूजन का उत्‍तम समय : ज्योतिषाचार्य अमित बहोरे के अनुसार दीपावली पर मां काली को प्रसन्न करने को महानिषा, तांत्रिक पूजा करने का विधान है। मां काली की पूजा का उत्तम समय रात्रि 12.58 से 3.54 बजे तक है। तांत्रिक पूजन में शामिल लोगों में पूरे समय जाग्रत अवस्था में रहना चाहिए। पूजा के दौरान झपकी आने से वह खंडित हो जाती है। ऐसी स्थिति में सतर्कता के साथ मां काली की पूजा करनी चाहिए।

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