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Doubling of Railway Track in Prayagraj : लाल निशान ने लोगों का छीना चैन, पूर्व राज्यपाल केशरीनाथ से गुहार

रामबाग रेलवे स्टेशन से प्रयागराज जंक्शन तक ट्रैक दोहरीकरण के लिए पखवाड़े भर पहले रेलवे ने जिला प्रशासन से संपर्क कर पैमाइश कराई थी । टीम ने पैमाइश कर लाल निशान लगाया था। कार्रवाई की गई तो इसकी जद में आजाद नगर और साउथ मलाका मोहल्ले में 250 मकान आएंगे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Updated: Mon, 16 Nov 2020 07:44 AM (IST)
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ट्रैक दोहरीकरण के लिए रेलवे ने प्रयागराज के आजाद नगर में घरों में लाल निशान लगाया है।

प्रयागराज, जेएनएन। रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण के नाम पर पैमाइश कराकर लाल निशान लगाने से आजाद नगर के लोगों के होश फाख्ता हैं। दीपोत्सव पर भी उनमें उत्‍साह नहीं रहा। उन्‍हें अपने आशियाने की चिंता जो परेशान कर रही है। स्थानीय लोगों ने अपनी गुहार पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल पंडित केसरी नाथ त्रिपाठी से लगाई। इस दौरान उन्‍हें ज्ञापन सौंपा और समस्या का निस्तारण कराने की मांग की। केशरीनाथ ने जल्द समाधान कराने का आश्वासन दिया। 

दरअसल, रामबाग रेलवे स्टेशन से प्रयागराज जंक्शन तक ट्रैक दोहरीकरण के लिए पखवाड़े भर पहले रेलवे ने जिला प्रशासन से संपर्क कर पैमाइश कराई थी । टीम ने पैमाइश कर लाल निशान लगाया था। कार्रवाई की गई तो इसकी जद में आजाद नगर और साउथ मलाका मोहल्ले में 250 मकान आएंगे। वहां रहने वालों का चैन इस लाल निशान ने छीन लिया है।

250 मकान मे रहने वाले लोगों को राहत दिलाने की गुहार

उनका कहना है कि वह कई पीढ़ी से यहां रह रहे हैं। समाजसेवी असमत कमाल के नेतृत्व में आजाद नगर और साउथ मलाका मोहल्ले के लोगों ने पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल पंडित केशरीनाथ त्रिपाठी को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने लगभग 250 मकान मे रहने वाले लोगों को राहत दिलाने की गुहार लगाई। पूर्व राज्यपाल ने इस मुद्दे पर पूर्वोत्तर रेलवे के डीआरएम और रेल मंत्री से वार्ता करके इस समस्या का समाधान कराने का आश्वासन दिया। ज्ञापन में बब्बू राम द्विवेदी, रोमान, जीशान, हिमांशु गुप्ता, अनिल श्रीवास्तव, दीपक श्रीवास्तव, गौरव मालवीय आदि उपस्थित थे। 

बाउंड्रीवाल और बिजली के खंभे को सरहद बताने के बाद बढ़ाने का आरोप

स्थानीय लोगों का कहना है कि अपनी सरहद बताने के बाद रेलवे पिछले साल जुलाई में बाउंड्रीवाल बना रहा था। बरसात शुरू होने पर निर्माण कार्य बंद कर दिया गया। इस वर्ष लॉकडाउन के दौरान जुलाई में बिजली के खंभे और केबल लगाए गए। हालांकि अभी उसमें बिजली की सप्लाई शुरू नहीं की गई है। आरोप है कि अब 52 से 80 फीट अंदर लाल निशान लगाया गया है। 

बोले, रेलवे के अधिकारी

वहीं रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि रेलवे ट्रैक के सपोर्टिंग के लिए बाउंड्री वाल का निर्माण शुरू कराया गया था। विभाग की जमीन जहां तक है, उसे चिन्हित कर खाली कराया जाएगा। इसके बाद ट्रैक दोहरीकरण करने का काम कराया जाएगा।