...ये है Allahabad University का 200 वर्ष पुराना वट वृक्ष, जानिए- आखिर क्यों खतरे में है इसका अस्तित्व
Allahabad University में कला संकाय के प्राचीन इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के सामने वट वृक्ष के अलावा एक नीम का पेड़ है। विभाग के प्रोफेसर डीपी दुबे ने दावा किया है कि यह वटवृक्ष 200 वर्ष और नीम तकरीबन 80 वर्ष पुराना है।
By Brijesh SrivastavaEdited By: Updated: Sat, 27 Mar 2021 08:30 AM (IST)
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) का ऐतिहासिक सीनेट हाउस, कई विभागों के भवन की आकर्षकता यहां पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को बरबस अपनी ओर आकर्षित करते हैं। वहीं यहां के प्राचीन वृक्षों का भी अलग क्रेज है। इसी में से एक है कला संकाय का 200 वर्ष पुराना वटवृक्ष। हालांकि अब वट वृक्ष के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। इसके साथ ही करीब 80 वर्ष पुराना नीम का पेड़ भी जीवन का अंतिम सांसे गिन रहा है।
इतिहास विभाग की इमारत पर भी है खतरा कला संकाय के प्राचीन इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के सामने वट वृक्ष के अलावा एक नीम का पेड़ है। विभाग के प्रोफेसर डीपी दुबे ने दावा किया है कि यह वटवृक्ष 200 वर्ष और नीम तकरीबन 80 वर्ष पुराना है। विभाग के सामने इस पुराने पेड़ के नीचे पूरे परिसर की गंदगी एकत्र कर दी गई है। ऐसे में अब इस बात से यहां के शिक्षक सहमे हैं कि यदि कोई गलती से माचिस की जलती तीली अथवा सिगरेट आदि ज्वलंत सामग्री फेंक देगा तो आग लगने की आशंका है। इससे इविवि परिसर के इस विभाग की इमारत पर भी खतरा उत्पन्न हो जाएगा। वहीं यहां कूड़े का ढेर लगने से महामारी का खतरा भी शिक्षकों के सामने मंडरा रहा है।
बीमारी की आशंका से भी शिक्षक भयभीतयदि कोई अनहोनी होती है तो विभाग को भी काफी नुकसान पहुंच सकता है। आग की लपटों के आगोश में विभाग का पुरातत्व संग्रहालय और पुस्तकालय आ सकता है। इससे काफी नुकसान भी विभाग को होगा। इसके अलावा कूड़े के चलते बीमारी की आशंका से भी शिक्षक भयभीत हैं।
ऐतिहासिक वृक्ष को 'हरियाली गुरु' का इंतजार
कुछ शिक्षकों ने बताया कि कला संकाय के इस ऐतिहासिक वृक्ष के पास इविवि की सारी गंदगी एकत्र कर यही फेंकी जाती है। इसके अलावा गार्डेन इंचार्ज प्रो. एनबी सिंह यानी हरियाली गुरु इस बात से बेफिक्र हैं। ऐसे में अब इस पुराने वृक्ष को इविवि के प्रशासनिक अफसरों के साथ हरियाली गुरु का भी इंतजार है।
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