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Road safety with Jagran: एक्सीडेंट कंट्रोल के लिए पूर्व आइजी केपी सिंह की एक्सपर्ट सलाह - Watch Video

राष्ट्रीय राजमार्ग हो या राज्य राजमार्ग कहीं भी सड़क पर यातायात के नियमों की अवहेलना नहीं करनी चाहिए। प्रत्येक रूट पर शतप्रतिशत नियमों का पालन हो ताकि दुर्घटनाएं रोकी जा सकें और सुरक्षित यात्रा हो सके। लापरवाही सड़क बनाने और वाहन चलाने दोनों में है।

By amarish kumarEdited By: Ankur TripathiUpdated: Wed, 16 Nov 2022 06:50 PM (IST)
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हंडिया के नजदीक ट्रक व ट्रैक्टर ट्राली में टक्कर के बाद मौके पर यातायात दुरुस्त कराते पुलिस कर्मी।
दुर्घटना पर काबू पाने के लिए उठाने होंगे उचित कदम, बोले पूर्व आइजी प्रयागराज 

राष्ट्रीय राजमार्ग हो या राज्य राजमार्ग कहीं भी सड़क पर यातायात के नियमों की अवहेलना नहीं करनी चाहिए। प्रत्येक रूट पर शतप्रतिशत नियमों का पालन हो ताकि दुर्घटनाएं रोकी जा सकें और सुरक्षित यात्रा हो सके। लापरवाही सड़क बनाने और वाहन चलाने दोनों में है। सड़क पर जगह-जगह दुकानें लगी हैं। पटरियों पर अतिक्रमण है, सड़क पर ही वाहन खड़े हो रहे हैं। अधिकांश स्थानों पर रेफलेक्टर, रेडियम पट्टी, स्पीड बोर्ड, साइनेज नहीं लगे हैं। कर्व पर संकेतक न होना, बायां लेन अवरुद्ध होना और गड्ढे दुर्घटना का कारण हैं।

हाईवे पर नियमों को ताक पर रख कर आर्थिक गतिविधियों के लिए छोटी छोटी दूरी पर कट बना लिए जाते हैं। हाइवे अथारिटी से तत्काल प्रभाव से ऐसे कट को प्रतिबंधित करना चाहिए। सड़क पर जो भी सरकारी संकेतक और बोर्ड लगे हैं उन पर विज्ञापन नहीं होने चाहिए। साइन बोर्ड साफ और सुस्पष्ट हों। साथ ही बैरियर को बायें लेन का रास्ता साफ करने के लिए लगाना चाहिए। जिन सड़कों पर मरम्मत या चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है वहां सड़क पर केट आइ (रात में चमके वाले संकेतक), गति अवरोधक संकेतक नहीं होंगे तो दुर्घटना तो स्वाभिक है।

सौ मीटर पहले होना चाहिए डिवाइडर का संकेतक

डिवाइडर आने की सूचना लगभग 100 मीटर पहले से बोर्ड व रेडियम वाले संकेतक से दी जानी चाहिए। बार बार जहां दुर्घटना हो वहां अतिरिक्त इंतजाम करना चाहिए। सड़क पर मोड़, कर्व या वी आकार में जब लेन बदल रहा हो तो उस स्थल को वैज्ञानिक और व्यवहारिकता के दृष्टिकोण से व्यवस्थित करना चाहिए। कौन सा लेन कहां जाएगा इसकी जानकारी के लिए बोर्ड लगा हो। खाईं जैसी स्थिति पर सावधानी, गति नियंत्रण का संकेत हो।

कहीं भी अगर टू लेन को एक लेन में बदला जा रहा है या रांग साइड से वाहन चल रहे हैं तो वहां संकेतक और सावधानी के लिए इंतजाम होने चाहिए। हाईवे पर कृषि कार्य के लिए बने ट्रैक्टर ट्राली बहुत अधिक गति में दौड़ते हैं, यह बड़ी दुर्घटना का कारण बनते हैं।

न कोई पुलिया समतल, सड़क पर उखड़ी हैं गिट्टियां

दिल्ली हावड़ा हाईवे पर जितनी भी पुलिया हैं, सब पर गड्ढे, उखड़ी गिट्टियां, और लेन में उतार चढ़ाव है। कोई भी पुलिया समतल नहीं है। तेज गति होने पर वाहन के हवा में उछलने, अनियंत्रित होने की घटनाएं होती हैं। रात्रि में यह पुलिया बहुत खतरनाक हो जाती है। यहां तकनीक का इस्तेमाल करने और पुलों के जोड़ को स्पंज युक्त बनाना चाहिए।

कोहरे में और घातक साबित होंगे बेसहारा मवेशी

हाल के कुछ वर्षों में सड़क पर मवेशियों के आने और उनसे दुर्घटनाएं बढ़ी हैं। सड़क को अचानक पार कर रहे मवेशी सुरक्षित यातायात में बड़ा खतरा हैं। कोहरे में यह खतरनाक हो जाएगा। इसके लिए कड़ाई से नियमों का पालन करना चाहिए।

-केपी सिंह, पूर्व आइजी प्रयागराज रेंज

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