इलाहाबाद में लेटे हनुमान मंदिर तक पहुंची गंगा-यमुना, मंदिर में लगा भक्तों का मेला
संगम तट पर स्थित लेटे हनुमान मंदिर के गेट तक गंगा का पानी पहुंच गया है। पंडे और घाटियों ने अपना समेट कर बांध पर पहुंचाया।
By Ashish MishraEdited By: Updated: Wed, 05 Sep 2018 02:16 PM (IST)
इलाहाबाद (जेएनएन)। इलाहाबाद में गंगा और यमुना खतरे के निशान की ओर बढऩे लगी हैं। सोमवार शाम और मंगलवार शाम के बीच यमुना का जलस्तर लगभग डेढ़ मीटर तो गंगा का जलस्तर 70 सेमी बढ़ा है। संगम तट पर स्थित लेटे हनुमान मंदिर के गेट तक गंगा का पानी पहुंच गया है। पंडे और घाटियों ने अपना समेट कर बांध पर पहुंचाया। उधर, जिले में बेलन, डूडिय़ारी व लपरी नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण बेलन नदी पर बना भोगन घाट का पुल रात से ही बंद हो गया है।
बताया जा रहा है कि संगम तट पर बड़े हनुमान मंदिर के चौखट तक पहुंची गंगा। बड़ी संख्या में लोग मंदिर पहुंचे। पांच छह सेमी और पानी बढ़ा तो हनुमान जी का जलाभिषेक हो जाएगा। यानी हनुमान जी गंगा स्नान कर लेंगे। लेटे हनुमान जी को सुला दिया गया। मंदिर में विशेष पूजा और महाआरती की तैयारी भी शुरू हो गई है। जैसे पानी मंदिर के अंदर पहुंचेगा पूजा अर्चना शुरू हो जाएगी।
गंगा खतरे के निशान से 14 सेमी ऊपर
तीन दिन से खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं गंगा का जलस्तर मंगलवार को 113.80 पर ठहरा रहा। देर रात से फिर से बढ़ना शुरू हुआ जलस्तर सुबह दस बजे खतरे के निशान से 14 सेमी ऊपर 113.140 पर पहुंच गया। ये हालत तब है जब रविवार को छोड़ा गया 2.06 लाख क्यूसेक और सोमवार को छोड़ा गया 1.96 लाख क्यूसेक पानी अभी उन्नाव तक नहीं पहुंचा था। चार लाख क्यूसेक पानी और पहुंचने के बाद गंगा के खतरे के निशान से 30 सेमी ऊपर तक पहुंचने की आशंका बनी हुई है। लगातार विकराल होती बाढ़ के बीच 7 सितंबर को मुख्यमंत्री के दौरे की संभावना से प्रशासन बाढ़ राहत के कार्य को युद्ध स्तर पर कर रहा है। हालांकि प्रशासन के सामने नावों की तादाद बढ़ाने की चुनौती बनी हुई है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।तीन दिन से खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं गंगा का जलस्तर मंगलवार को 113.80 पर ठहरा रहा। देर रात से फिर से बढ़ना शुरू हुआ जलस्तर सुबह दस बजे खतरे के निशान से 14 सेमी ऊपर 113.140 पर पहुंच गया। ये हालत तब है जब रविवार को छोड़ा गया 2.06 लाख क्यूसेक और सोमवार को छोड़ा गया 1.96 लाख क्यूसेक पानी अभी उन्नाव तक नहीं पहुंचा था। चार लाख क्यूसेक पानी और पहुंचने के बाद गंगा के खतरे के निशान से 30 सेमी ऊपर तक पहुंचने की आशंका बनी हुई है। लगातार विकराल होती बाढ़ के बीच 7 सितंबर को मुख्यमंत्री के दौरे की संभावना से प्रशासन बाढ़ राहत के कार्य को युद्ध स्तर पर कर रहा है। हालांकि प्रशासन के सामने नावों की तादाद बढ़ाने की चुनौती बनी हुई है।