Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

जीजीआइसी प्रतापगढ़ में बनेगा गर्ल्स हास्टल, कन्या शिक्षा की दिशा में यह एक अहम कदम

जीजीआइसी जनपद का एक गौरवशाली एवं प्रतिष्ठित राजकीय विद्यालय है। यहां पर बेटियों को सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिली है। विद्यालय की स्थापना 1950 में हाईस्कूल स्तर पर शहर की भगवा चुंगी के इलाके में एक किराए के भवन में हुई थी।

By Ankur TripathiEdited By: Updated: Thu, 26 May 2022 01:48 PM (IST)
Hero Image
जीजीआइसी प्रतापगढ़ में 169 लाख की लागत से बालिका छात्रावास बनेगा

प्रयागराज, जेएनएन। प्रतापगढ़ शहर के राजकीय बालिका इंटर कालेज (जीजीआइसी) में 169 लाख की लागत से बालिका छात्रावास बनेगा। इससे उन छात्राओं को सहूलियत मिलेगी जाे ग्रामीण क्षेत्रों से आकर यहां पढ़ाई कर रही हैं। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया है। धन का आवंटन होने के बाद छात्रावास बनना शुरू हो जाएगा।

1950 में स्थापित किया गया था भगवा चुंगी इलाके में जीजीआइसी

जीजीआइसी जनपद का एक गौरवशाली एवं प्रतिष्ठित राजकीय विद्यालय है। यहां पर बेटियों को सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिली है। विद्यालय की स्थापना 1950 में हाईस्कूल स्तर पर शहर की भगवा चुंगी के इलाके में एक किराए के भवन में हुई थी। कुछ वर्षों बाद सन 1955 में इसे इंटरमीडिएट की मान्यता प्राप्त हुई, जिसमें कला वर्ग एवं विज्ञान वर्ग शामिल था। वर्ष 1971 में शासन द्वारा राजकीय बालिका इंटर कालेज प्रतापगढ़ को शहर के कचहरी रोड पर दो मंजिला शानदार भवन प्रदान किया गया, जो वर्तमान में राजकीय इंटर कालेज के नाम से जाना जाता है। तत्कालीन प्रधानाचार्य द्वारा छात्राओं की सुरक्षा के कारण उस भवन को लेने से इन्कार कर दिया। कारण यह था कि एक तो उस समय उस भवन के पास छात्रों के लिए केपी हिंदू इंटर कालेज चल रहा था, दूसरे उस इलाके में कोई आबादी नहीं थी। अतः शासन एवं शिक्षा विभाग छात्राओं की सुरक्षा को देखते हुए उस नए भवन को राजकीय इंटर कालेज प्रतापगढ़ को प्रदान कर दिया गया। इसके बाद शहर के चौक में स्थित पुराने भवन में राजकीय बालिका इंटर कालेज को स्थापित किया गया। यह भवन वर्ष 1913 का बना हुआ है।

जर्जर हो चुकी है इमारत, बालिका छात्रावास के लिए शासन को प्रस्ताव

कई साल पुरानी इमारत पूर्ण रूप से जर्जर हो चुकी है। यहां वर्तमान में 1750 छात्राएं अध्ययनरत हैं। यहां की प्रधानाचार्य गरिमा श्रीवास्तव के नेतृत्व में छात्राएं अपनी बुलंदी एवं उपलब्धियों पर लगातार अग्रसर हैं। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सच्चिदानंद तिवारी ने बताया कि जीजीआइसी में बालिका छात्रावास के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। स्वीकृत मिलने के बाद कार्य शुरू कराया जाएगा।