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सरकार मैं जिंदा हूं! भ्रष्टाचारी तंत्र ने मार डाला मुझे, कौशांबी के किसान की पीएम मोदी से गुहार

कौशांबी विकास खंड के एक किसान ने मंगलवार को ट्वीट कर प्रधानमंत्री गृहमंत्री कृषि मंत्री के साथ ही यूपी के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री को अपने जीवित होने का कई प्रमाण देते हुए सम्मान निधि दिलाने की मांग की।

By Ankur TripathiEdited By: Updated: Wed, 15 Jun 2022 12:07 PM (IST)
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जांच टीम ने किसान को मृत्यु घोषित कर लगाई रिपोर्ट, भुक्तभोगी ने प्रधानमंत्री से न्याय की लगाई गुहार
प्रयागराज, जेएनएन। प्रधानमंत्री महोदय मैं जिंदा हूं। भ्रष्टाचारी तंत्र के चलते कृषि विभाग ने मुझे मृत घोषित कर दिया है। इससे मुझे अब किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं मिल पाएगा। मंगलवार को कौशांबी विकास खंड के एक किसान ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, कृषि मंत्री के साथ ही यूपी के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री को अपने जीवित होने का तमाम प्रमाण देते हुए सम्मान निधि दिलाने की मांग की।

सात किस्त मिलने के बाद घोषित कर दिया किसान को मृत

नेवादा विकास खंड के अमिरसा निवासी राधेश्याम पांडेय किसान हैं, जो वर्तमान में अपनी ससुराल अर्का फतेहपुर में रहते हैं। उन्हाेंने बताया कि 23 जुलाई 2019 को किसान सम्मान निधि के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। अगस्त 2019 से मई 2022 तक किसान सम्मान निधि की सात किस्तें मिल भी चुकी हैं। इसी बीच कृषि विभाग ने सम्मान निधि पाने वाले किसानों का सत्यापन कराया, जिसमें भ्रष्ट्राचारी तंत्र के चलते सत्यापन अधिकारी ने बिना जांच किए इन्हें मृत घोषित कर दिया। यही नहीं इनके विवरण को निष्क्रिय श्रेणी में डाल दिया गया। इसकी जानकारी जब राधेश्याम को मिली तो इन्होंने कृषि विभाग जाकर अपने जीवित होने का प्रमाण दिखाते हुए सक्रिय श्रेणी में डालने का निवेदन किया लेकिन, कोई सुनवाई नहीं हुई। इससे आहत किसान ने मंगलवार को ट्वीटर पर प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को अपने जीवित और पात्र होने का प्रमाण देते हुए सम्मान निधि न रोके जाने की गुहार लगाई। उन्होंने अपने जीवित होने का प्रमाण के तौर पर वीडियो भी ट्वीट किया है। उनकी ओर से यह पोस्ट अर्का फतेहपुर गांव में रहने वाले राघव पांडेय ने किया है।

उप कृषि निदेशक ने यह कहा

जीवित किसान को मृत किए जाने की जानकारी नहीं है। डाटा लाक होने के कारण इसे देखा भी नहीं जा सकता। अगर ऐसा है तो किसान अपने कागजात देगा तो उच्च अधिकारियों को भेजकर संसोधन करा दिया जाएगा और उसे योजना का लाभ दिलाया जाएगा।

उदयभान गौतम, उप कृषि निदेशक

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