Gyanvapi Case: इलाहाबाद HC में मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज, ASI सर्वे को मंजूरी; जानें अब तक क्या-क्या हुआ
Gyanvapi Case Update वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिषद में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ( एएसआई) से साइंटिफिक सर्वे कराए जाने संबंधी वाराणसी जिला जज के फैसले को चुनौती देने वाली अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की याचिका को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। यह फैसला मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंदर दिवाकर ने सुनाया। जानते हैं इस ज्ञानवापी प्रकरण में अब तक क्या-क्या हुआ
By Abhishek PandeyEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Thu, 03 Aug 2023 12:14 PM (IST)
जागरण ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली: (Gyanvapi Case) वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिषद में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ( एएसआई) से साइंटिफिक सर्वे कराए जाने संबंधी वाराणसी जिला जज के फैसले को चुनौती देने वाली अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की याचिका को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
यह फैसला मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंदर दिवाकर ने सुनाया। कोर्ट ने कहा- न्याय हित में सर्वे कराया जाना उचित है।
ज्ञानवापी प्रकरण मामले में अब तक क्या-क्या हुआ
वाराणसी के जिला जज ने 21 जुलाई को ज्ञानवापी परिसर में वजूखाना व शिवलिंग छोड़कर अन्य क्षेत्र के एएसआइ सर्वे का निर्देश दिया था। इसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिसपर पर सुप्रीम कोर्ट ने 24 जुलाई को एएसआइ सर्वे पर 26 जुलाई तक रोक लगाते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने की सलाह दी थी।
तीन दिनों में सात घंटे चली सुनवाई
मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट में इस मामले में याचिका दाखिल की। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में तीन दिन 25, 26 और 27 तारीख को जुलाई को सुनवाई हुई थी। हाईकोर्ट में तीन दिनों में लगभग सात घंटे सुनवाई चली थी। मस्जिद पक्ष ने कहा था कि सर्वे से ढांचे को क्षति पहुंच सकती है लेकिन एएसआइ की तरफ से कहा गया कि ऐसा कुछ नहीं होगा।सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंदर दिवाकर ने पूछा था एएसआई की लीगल आइडेंटिटी क्या है? एएसआई अधिकारी ने हाई कोर्ट को जवाब देते हुए बताया कि 1871 में एएसआई गठित हुआ मॉनुमेंट संरक्षण के लिए। यह मॉनीटर करती है पुरातत्व अवशेष का। एएसआई अधिकारी ने हाई कोर्ट में कहा था- 'हम डगिंग नहीं करने जा रहे।'
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