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दैनिक जागरण की बूंद-बूंद जल बचाने को 'आधा गिलास पानी' मुहिम

पानी की बर्बादी रोकने और जल संरक्षण के लिए दैनिक जागरण ने आधा गिलास पानी की मुहिम चलाई है। अभियान के तहत होटल स्टाफ को जल बचाने का संकल्प दिलाया गया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Updated: Tue, 11 Jun 2019 04:01 PM (IST)
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दैनिक जागरण की बूंद-बूंद जल बचाने को 'आधा गिलास पानी' मुहिम
प्रयागराज, जेएनएन। 'मत करो मुझको बर्बाद, इतना तो तुम रखो याद, प्यासे ही तुम रह जाओगे, मेरे बिना न जी पाओगे। कब तक बर्बादी का मेरा, तुम तमाशा देखोगे, संकट आएगा जब तुम पर, तब मेरे बारे में सोचोगे'। यह लाइनें वर्तमान में हो रहे जल संकट पर सटीक बैठती हैं। जी हां, जल ही जीवन है, पानी को लेकर आने वाले संकट से बचने के लिए अभी से इस दिशा में कारगर प्रयास करने की जरूरत है। दैनिक जागरण ने बूंद-बूंद पानी बचाने के लिए 'आधा गिलास पानी' मुहिम शुरू की है। इसके माध्यम से पानी बचाने से लेकर पानी की बर्बादी रोकने और जल का संचयन करने के लिए लोगों को जागरूक करने की शुरुआत हुई है। 
 होटल स्टाफ को बताई गई जल की कीमत 
इलाहाबाद हाईकोर्ट के पास स्थित होटल रवीशा कॉन्टीनेंटल में स्टाफ को 'आधा गिलास पानी' मुहिम के बारे में जागरूक किया गया। लोग पूरे गिलास में से आधा पानी पीकर आधा छोड़ देते हैं। ऐस में होटल में आने वालों को पीने के लिए आधा गिलास पानी दिया जाएगा, जरूरत पर और ले सकेंगे। दैनिक जागरण के अभियान को आगे बढ़ाते हुए होटल के जनरल मैनेजर धनंजय पांडेय ने स्टाफ को जानकारी दी कि अब वह लोगों को आधा-आधा गिलास ही पानी दें। जरूरत पर फिर दें, लेकिन आधा ही, ताकि गिलास में पानी न बचे। अगर कोई आपत्ति जताए तो उन्हें दैनिक जागरण की मुहिम के बारे में बताएं। 
 
लोगों से अपील करें कि वह घर पर भी पानी की बर्बादी रोकें
कहा कि लोगों से भी अपील करें कि वह घर पर भी ऐसा करें, ताकि पानी बर्बाद न हो। गिलास पर 'आधा गिलास पानी' का स्टीकर लगाया गया, ताकि स्टाफ जब लोगों को पानी दे तो वह उसे पढ़ें और रोजमर्रा में उसका अनुसरण करें। स्टाफ ने इसका संकल्प लिया। धनंजय ने बताया कि उनके होटल में आरओ से निकलने वाले पानी से बर्तनों की धुलाई की जाती है, ताकि पानी की बचत हो। जो पानी बच जाता है। उसे गमलों में डाल दिया जाता है।
 
दैनिक जागरण की पहल को सराहा 
दैनिक जागरण की 'आधा गिलास पानी' की मुहिम को होटल के स्टाफ के साथ डायरेक्टर ने भी सराहा। डायरेक्टर सौरभ वैश्य ने कहा कि दैनिक जागरण ने पानी बचाने के लिए जो नई पहल की है, उसके दूरगामी परिणाम होंगे। क्योंकि 'आधा गिलास पानी' शब्द आने पर ही यह बहुत कुछ सोचने को मजबूर करता है। पानी बचाने के लिए सबसे जरूरी चीज है कि लोग इसके बारे में सोचें। 

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