इस विश्व प्रसिद्ध अमरूद पर संकट के बादल, बेमौसम बारिश ने किसानों को कराया भारी नुकसान, 2 साल पहले जैसे हालात
दो वर्ष पहले भी ऐसे हालात हुए थे तब यहां पर अमरूद का उत्पादन बहुत कम हुआ था। इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ा था। यहां उत्पादन कम होने के कारण दूसरे राज्यों से अमरूद मंगवाना पड़ा था जिसका फायदा वहां के किसानों को हुआ था।
By Jagran NewsEdited By: Nitesh SrivastavaUpdated: Fri, 19 May 2023 11:06 AM (IST)
जागरण संवाददाता, प्रयागराज : दुनियाभर में अपने विशेष रंग और स्वाद के लिए मशहूर सुर्खा और बीजी अमरूद पर फिर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। मौसम की बेरुखी के चलते ऐसी समस्या आ गई हैं। आने वाले दिनों में बारिश और हुई तो ज्यादा नुकसान हो सकता है।
दो वर्ष पहले भी ऐसे हालात हुए थे, तब यहां पर अमरूद का उत्पादन बहुत कम हुआ था। इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ा था। यहां उत्पादन कम होने के कारण दूसरे राज्यों से अमरूद मंगवाना पड़ा था, जिसका फायदा वहां के किसानों को हुआ था।
अमरूद का उत्पादन वर्ष में दो बार जून- जुलाई और दिसंबर- जनवरी में होता है। जून- जुलाई में जो उत्पादन होता है, उसमें बारिश के वजह से स्वाद कम होता है। इसी दौरान आम का सीजन रहता है इसलिए इसकी बिक्री बहुत कम होती है। वहीं दिसंबर-जनवरी का फल काफी मीठा होता है और उसी अमरूद से किसानों की कमाई होती है।
किसान भी चाहते हैं लेकिन ज्यादा से ज्यादा फल सर्दी के सीजन में आए। लेकिन पिछले हफ्ते जो बारिश हो गई और अगले कुछ दिनों में बारिश होने वाली है, उससे अमरूद में ज्यादा फूल आ जाएंगे। बारिश के कारण इस सीजन में ज्यादा फल आएंगे और फिर सर्दी में उत्पादन घटेगा।
उद्यान विशेषज्ञ विजय कृष्ण सिंह ने बताया कि बारिश के कारण फूल आने लगे हैं। इससे पेड़ों में ज्यादा फल लगेंगे। चूंकि फल आने तक बारिश का मौसम आ जाएगा तो कीड़े खूब लगेंगे और वह फसल खराब हो जाएगी। इस सीजन में अमरूद का जितना कम उत्पादन होगा, उतना ही बेहतर होगा।
कैसे करें बचाव
उद्यान विशेषज्ञ ने बताया कि इस सीजन में अमरूद में आने वाले फूलों को किसान हाथ से तुड़ाई कर दें। जिससे बारिश के सीजन में फल कम आएंगे और इसका फायदा सर्दी के सीजन में होगा। उन्होंने बताया कि अगर हाथ से तुड़ाई न कर पाए तो 10 से 15 प्रतिशत यूरिया का छिड़काव कर दें। इससे फूल गिर जाएगा तो इस सीजन की उत्पादकता कम होगा।
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