Indian Coffee House में बातों से मिलती है कैलोरी...पूर्व पीएम, अरुण जेटली व सुषमा स्वराज जैसे लोग रहे हैं गवाह
Indian Coffee House प्रयागराज के सिविल लाइंस में स्थित इंडियन कॉफी हाउस कोई आम कॉफी हाउस नहीं है। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर अरुण जेटली सुषमा स्वराज जैसी कई शख्सियत यहां की गवाह रही हैं। आज भी बतकही का वही माहौल है जैसा कॉफी हाउस के शुरूआती दिनों में था।
By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Tue, 20 Dec 2022 01:12 PM (IST)
अमरदीप भट्ट, प्रयागराज: प्रयागराज के सिविल लाइंस में स्थित इंडियन कॉफी हाउस कोई आम कॉफी हाउस नहीं है। इस कॉफी हाउस ने आज तक अपनी बतकही की विरासत को संजो कर रखा है। 1957 से अब तक यहां कुछ खास बदलाव नहीं हुआ है, बल्कि आज भी वही माहौल है, जैसा कॉफी हाउस के शुरूआती दिनों में था। यहां ठेठ इलाहाबादियों को कैलोरी चाय-नाश्ते से नहीं बल्कि बातों से मिलती है और बूढ़े भी जवान हो उठते हैं। बातों का माहौल कुछ इस कदर होता है कि देश-विदेश से लेकर राजनीति और खेल जगत की खबरों तक को लेकर हसीं-ठिठोलियां होती हैं।
कुछ इस कदर होता है कॉफी हाउस में बातों का माहौल
मेज के एक कोने में दाढ़ी पर हाथ फिराते परमानंद त्रिपाठी जिन्हें 'सोंटा गुरु' की उपाधि प्राप्त है, रोज की तरह काफी हाउस में मजमा लगाए बैठे थे। राजनीति की बात छिड़ी तो उन्होंने व्यंग्य कस दिया कि पहले यहां सभी तरह के लोग आते थे भाई, अब तो भइया सब मोदीमय हो गया है। उन्हें इस तरह से बोलता देख पूर्व विधायक राधेश्याम भारती गुस्से से भर उठे। कटाक्ष लहजे में बोल पड़े हां-हां, इनके कहने से...
आंखें तरेर कर बोले कि मोदी अपनी जगह हैं, हम लोगों के विचार अपनी जगह। राधेश्याम के आर्डर पर आई काफी का पैसा दन्न से सोंटा गुरु ने दे दिया। उधर संजय गोस्वामी की आवाज पूरे हाल में गूंज रही थी, लगा कि अब झगड़ा हो जाएगा लेकिन अगले ही क्षण सभी हंसते, बोलते बाहर चले गए। यही खासियत है इस कॉफी हाउस की कि महौल का उतार-चढ़ाव पल-पल में बदलता रहता है।
एक सोमवार, दोपहर करीब पौने तीन बजे का समय, काफी हाउस में फीफा वर्ल्ड कप फुटबाल की चर्चा एक मेज पर छिड़ गई। फ्रांस के गोलकीपर को लियोन मेसी की किक से मिली धोखेबाजी और इसी के साथ अर्जेंटीना के चैंपियन बन जाने पर वाद-विवाद छिड़ गया। उधर, पूर्व विधायक राधेश्याम भारती फिर से आ धमके, लोहिया राग अलापा तो बगल में बैठे अवधेश द्विवेदी ने चेहरा दूसरी तरफ घुमा लिया।
वहीं दीवार किनारे मेज पर दो खद्दरधारी झुग्गी झोपड़ी बस्तियों में दैनिक जागरण द्वारा चलाए जा रहे अभियान 'शहर में अवैध शहर' पर भिड़ गए। एक ने कहा कि गरीबों की कोई सुनवाई नहीं तो बगल में बैठे नेताजी, अपने खास अंदाज में बोले- जिनका गरीब कहि रहे हो ऊ तुमसे बड़े अमीर हैं समझेव...फ्री की बत्ती लई रहे हैं, सुनेव नहीं का...100 मृतक राशन लेत रहें, पढ़ेव नहीं का। बहस केतली में चढ़ी चाय की तरह उबाल मार रही थी, वहीं कुछ नए अतिथि वहां के माहौल में रम चुके थे।
एक लम्बी है लिस्ट खास मेहमानों की
वैसे तो यहां आया हर इंसान अपने आप में खास है, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर, जनेश्वर मिश्र उर्फ छोटे लोहिया, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, टी. पति, न्यायमूर्ति अरुण टंडन आदि जैसी शख्सियतें भी इस कॉफी हाउस की साक्षी रही हैं।
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