Marathon Winner: 28 किमी पर उखड़ने लगी थी सांस, वंदेमातरम सुनकर जागा जोश
Indira Marathon winner इंदिरा मैराथन में करीब 28 किलोमीटर की दौड़ पूरी करने के बाद सांस उखड़ने लगी थी लेकिन लोगों के उत्साहवर्धन के चलते उन्होंने दम बांधा और फिर से जोर लगाया। लोगों के वंदेमातरम के उद्घोष से मानो चेतना जाग गई फिर दौड़ पूरी करके ही दम लिया।
By Ankur TripathiEdited By: Updated: Fri, 19 Nov 2021 03:20 PM (IST)
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। Indira Marathon 2021 में शुक्रवार सुबह कर्नाटक के कुडगूं निवासी बेलियप्पा एबी ने दो घंटे इक्कीस मिनट दो सेकंड में 42.195 किलोमीटर की दौड़ पूरी की। अब वह एशियन चैंपियनशिप में परचम लहराना चाहते हैं। इसके लिए वह निरंतर तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने अपनी दौड़ के समय को 2 घंटे 15 मिनट तक लाने का भी लक्ष्य रखा है। इसके लिए वह लगातार मेहनत कर रहे हैं।
पहली बार में ही मार लिया मैराथन में मैदान
किसान परिवार से संबंध रखने वाले बेलियप्पा एबी सेना में हवलदार हैं। कहते हैं पहली बार किसी मैराथन में शामिल हुए और जीत भी दर्ज की। इससे पहले 10 किलोमीटर की क्रास कंट्री दौड़ते थे। चार बरस पहले 2017 में भिलाई में आयोजित नेशनल चैंपियनशिप में सिलवर मैडल मिला था। उसके बाद 2018 में टाटा स्टील्स की तरफ से कोलकाता में आयोजित आफ मैराथन में शामिल हुए। वहां भी दूसरा स्थान हासिल हुआ। अपनी सफलता का श्रेय वरिष्ठ साथियों की देते हुए कहते हैं कि करीब 11 साल पहले सेना में भर्ती हुए। आर्मी सप्लाई कोर में ड्यूटी के दौरान वरिष्ठों ने उन्हें एथलेटिक्स के लिए प्रेरित किया। अभ्यास का सिलसिला शुरू हुआ तो सफलता भी मिलती चली गई।
उत्साहवर्धन के चलते दम बांधा और फिर से जोर लगाया
मैराथन के विजेता वेलियप्पा प्रयागराज के लोगों से भी बहुत प्रभावित हुए हैं। कहा कि इंदिरा मैराथन में करीब 28 किलोमीटर की दौड़ पूरी करने के बाद सांस उखड़ने लगी थी लेकिन लोगों के उत्साहवर्धन के चलते उन्होंने दम बांधा और फिर से जोर लगाया। लोगों के वंदेमातरम के उद्घोष से मानो चेतना जाग गई फिर दौड़ पूरी करके ही दम लिया। लोगों के उत्साहवर्धन का नतीजा है जीत हासिल हुई। यह शहर खेल और खिलाड़ियों के लिए सच में बहुत अच्छा है। कभी मौका मिला तो फिर इस शहर आने में उन्हें बेहद खुशी मिलेगी।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।मैराथन के विजेता वेलियप्पा प्रयागराज के लोगों से भी बहुत प्रभावित हुए हैं। कहा कि इंदिरा मैराथन में करीब 28 किलोमीटर की दौड़ पूरी करने के बाद सांस उखड़ने लगी थी लेकिन लोगों के उत्साहवर्धन के चलते उन्होंने दम बांधा और फिर से जोर लगाया। लोगों के वंदेमातरम के उद्घोष से मानो चेतना जाग गई फिर दौड़ पूरी करके ही दम लिया। लोगों के उत्साहवर्धन का नतीजा है जीत हासिल हुई। यह शहर खेल और खिलाड़ियों के लिए सच में बहुत अच्छा है। कभी मौका मिला तो फिर इस शहर आने में उन्हें बेहद खुशी मिलेगी।