Move to Jagran APP

कोरोना का दंश: फर्ज की राह में कुर्बान हो गए इंस्पेक्टर अजय सिंह, आज भी यादकर रो पड़ते हैं साथी

कोरोना महामारी के काल में बहुत से लोग अपनों को छोड़कर दुनिया से चले गए। इनमें बड़ी संख्या में पुलिस कर्मचारी भी शामिल हैं। प्रतापगढ़ के स्वाट टीम प्रभारी अजय सिंह भी फर्ज की राह में कुर्बान हो गए।

By Ankur TripathiEdited By: Updated: Fri, 26 Mar 2021 12:03 PM (IST)
Hero Image
खुद की जान कुर्बान करने वाले अजय सिंह को पूरा पुलिस महकमा सैल्यूट करता है।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना महामारी के काल में बहुत से लोग अपनों को छोड़कर दुनिया से चले गए। इनमें बड़ी संख्या में पुलिस  कर्मचारी भी शामिल हैं। प्रतापगढ़ के स्वाट टीम प्रभारी अजय सिंह भी फर्ज की राह में कुर्बान हो गए। मूलत: चंदौली जिले के बबुरी थाना क्षेत्र के चनहटा (खुरुजिया) गांव के रहने अजय सिंह पुत्र महेंद्र प्रताप सिंह की नियुक्ति 10 सितंबर 2001 को पुलिस विभाग में उप निरीक्षक पद पर हुई थी। वह वर्ष 2019 में तबादले पर प्रयागराज से प्रतापगढ़ पहुंचे थे। तैनाती के बाद से ही वह स्वॉट (स्पेशल विपेंस एंड टैक्टिस) टीम के प्रभारी के रूप में काम कर रहे थे। कोरोना काल में बदमाशों की तलाश में वह पूरी टीम के साथ लगातार दबिश दे रहे थे। इसी बीच अगस्त 2020 के प्रथम सप्ताह में वह कोरोना से संक्रमित हो गए थे। उन्हें एसआरएन हास्पिटल प्रयागराज में भर्ती कराया गया था, वहां 16 अगस्त 2020 को वह इस दुनिया को छोड़कर चले गए। फर्ज के लिए खुद की जान कुर्बान करने वाले अजय सिंह को पूरा पुलिस महकमा सैल्यूट करता है।

 

कोरोना काल में पिता-पुत्री के नहीं डिगे कदम

यह संयोग ही है कि एक ही जिले में दीवान रमेश मिश्रा और उनकी बेटी सिपाही गायत्री मिश्रा तैनात हैं। मीरजापुर जिले के नगर कोतवाली क्षेत्र के सुलेखापुर गांव के रहने वाले दीवान रमेश मिश्रा सीओ सिटी के चालक हैं। कोरोना काल में वह सीओ सिटी के साथ लगातार दिन-रात भागदौड़ करते रहे। हॉटस्पाट इलाके में भी ड्यूटी की। यही नहीं, जब सूरत, अहमदाबाद, मुंबई, लुधियाना से ट्रेनों से कामगार प्रतापगढ़ के रेलवे स्टेशन पर आ रहे थे, तब भी वह रात दिन ड्यूटी करते रहे। बेटी गायत्री भी पिता के नक्शेकदम पर चलकर कोरोना काल में ईमानदारी से फर्ज निभाती रही। वह नगर कोतवाली में पीडि़त की समस्याएं बड़ी ही मधुर बोली से सुनती थी, ताकि पीडि़त को अपने दर्द से कुछ आराम मिल सके। वैसे पुलिस की कभी-कभी यह छवि बन जाती है कि थाने पर पीडि़त को पुलिस की फटकार सुननी पड़ती है। इस मिथक को ड्यूटी के दौरान गायत्री ने तोड़ा और पुलिस की एक सुंदर छवि जनता के बीच लाने का प्रयास किया। पिता-पुत्री के स्वभाव और ड्यूटी के प्रति ईमानदारी की हर कोई सराहना करता है।

 

मासूम बेटे की सेहत की नहीं की परवाह

 कोहंडौर थाने में तैनात सिपाही प्रियंका सिंह ने साल भर के बेटे अयांश की सेहत की परवाह नहीं की। कोरोना काल में मासूम बच्चे के साथ वह हाटॅस्पाट इलाके में ड्यूटी करती रहीं। कानपुर जिले के बिधनू थाना क्षेत्र के गोपालनगर की रहने वाली प्रियंका सिंह और उनके पति आरबी सिंह वर्ष 2016 बैच के सिपाही हैं। प्रियंका कोहंडौर थाने में तैनात हैं और उनके पति कोहंडौर थाने के डायल 112 की पीआरवी में । कोरोना संक्रमण काल में प्रियंका की ड्यूटी हॉटस्पाट इलाके के बैरियरों पर लगती थी। वह साल भर के बेटे के साथ पूरी तन्मयता से ड्यूटी करती थी। इस बात की फ्रिक नहीं की कि कोरोना संक्रमण की चपेट में उनका मासूम बेटा आ सकता है क्योंकि कोरोना संक्रमण काल के दौरान बुजुर्गों और बच्चों के घर से नहीं निकलने की अपील सरकार बार-बार कर रही थी। इस समय भी प्रियंका कोहंडौर थाने में तैनात हैं, वह अभी भी ड्यूटी के दौरान बेटे को साथ लेकर आती हैं।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।