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अनसुलझा सवाल...SRN अस्पताल के जूनियर डाक्टर क्‍यों आवेशित होकर मरीजों के परिवारवालों को पीटते हैंं

अभी कल ही देखिए एसआरएन अस्‍पताल के सर्जरी विभाग में डाक्टरों ने मीरजापुर से आए एक परिवार को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। उस परिवार की महिला भर्ती थी जिसके गाल ब्लेडर का आपरेशन होना था। करीब दो दर्जन जूनियर डाक्टर हमलावर थे कि लोग सहम गए।

By Jagran NewsEdited By: Brijesh SrivastavaUpdated: Fri, 28 Oct 2022 09:48 AM (IST)
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मीरजापुर से मरीज के साथ आए तीमारदारों को प्रयागराज के एसआरएन अस्‍पताल के जूनियर डाक्‍टरों ने पिटाई की।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। ये है मंडल का सबसे बड़ा अस्‍पताल प्रयागराज का स्वरूपरानी नेहरू (एसआरएन) चिकित्सालय। यहां दूर-दूर से मरीज इसलिए आते हैं कि उन्‍हें अच्‍छा इलाज मिले और मिलता भी है। यहां हाईटेक टेक्‍नालाजी की मशीनें, जांच की सुविधा आदि मरीजों के लिए है। यानी बड़ी आस लेकर तीमारदार मरीजों को लेकर यहां आते हैं कि शीघ्र स्‍वास्‍थ्‍य लाभ मिलेगा। हालांकि यहां के जूनियर डाक्‍टरों की बात करें तो छोटी-छोटी बात पर अक्‍सर मरीजो के साथ आए परिवार के लोगों की पिटाई भी करते हैं। सवाल यह है कि क्‍या इससे इस बड़े सरकारी अस्‍पताल की साख नहीं गिर रही।

मीरजापुर के एक मरीज के तीमारदारों को दौड़ाकर पीटा गया : अभी कल ही देखिए, एसआरएन अस्‍पताल के सर्जरी विभाग में डाक्टरों ने मीरजापुर से आए एक परिवार को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। उस परिवार की महिला भर्ती थी जिसके गाल ब्लेडर का आपरेशन होना था। करीब दो दर्जन डाक्टर इस कदर हमलावर थे कि अस्पताल परिसर में उपस्थित सैकड़ों लोग उनकी मारपीट देखकर सहम गए। गाली गलौच करते हुए पिता, बेटा और एक महिला को पीटते हुए पहले मुख्य गेट तक लाए और घसीट कर फिर भीतर ले गए।

किस बात पर भड़के जूनियर डाक्‍टर : सर्जरी विभाग में भर्ती एक महिला के गाल ब्लेडर का आपरेशन होना था। उसका वहां के डाक्टर पहले भी आपरेशन कर चुके थे लेकिन सफल नहीं हुआ। गुरुवार को फिर आपरेशन की तारीख दी गई थी। महिला के बेटे ने पूछा तो डाक्टर ने कहा कि आपरेशन शुक्रवार को होगा। इस पर वहां कहासुनी हो गई। महिला मरीज के बेटे ने वहां से फाइल उठा ली और मां को लेकर किसी दूसरे अस्पताल जाने की कोशिश करने लगा। तभी एक नर्स ने उसका हाथ पकड़ लिया और फाइल छीन ली। थोड़ी ही देर में कई जूनियर डाक्टर गाली गलौच करते हुए वहां पहुंच गए और युवक को बुरी तरह से पीटना शुरू कर दिया। बचाने आए पिता को भी नहीं बख्शा। जान बचाकर परिवार भागा तो डाक्टरों ने उन्हें खदेड़ लिया।

देर से क्‍यों सक्रिय होते हैं पुलिसकर्मी : पीटते हुए एसआरएन पुलिस वाले बैरियर तक ले आए। यहां से उन्हें फिर घसीटा और भीतर ले गए। इस बीच कुछ अन्य डाक्टरों ने ही पुलिस के पास जाकर गुहार लगाई तब पुलिस कर्मी सक्रिय हुए। अक्‍सर पुलिस का इसे लेकर लापरवाही ही दिखती है। आरोप है कि मामला जब बढ़ जाता है तब बीच बचाव करने पहुंचती है।

मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य बोले- मेडिकल छात्र आक्रामक हो रहे हैं : इस मामले में मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य डा. एसपी सिंह ने कहा कि डाक्टरों ने जिस तरह की हरकत की वह चिंतनीय है, लेकिन दूसरा पक्ष भी देखा जाएगा। कहा कि मेडिकल छात्र लगातार आक्रामक हो रहे हैं इसे संबंधित विभागाध्यक्षाें को भी देखना चाहिए।

क्‍या कहते हैं सीओ प्रथम : पुलिस क्षेत्राधिकारी प्रथम सत्येंद्र तिवारी ने कहा कि मारपीट हुई थी। चौकी से ही मामला निस्तारित कर दिया गया। कोई लिखापढ़ी नहीं हुई है। परिवार, महिला मरीज को लेकर अस्पताल से कहीं चला गया।

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