जानिए आखिर क्यों होती है दो मुंहा सांप की विदेशों में तस्करी, क्या वास्तव में होते हैं इसके दो मुंह
भारत के उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश राजस्थान बिहार बंगाल हरियाणा जैसे राज्यों में इन कथित दो मुंहे सांपों को पकड़कर गिरोहों को बेचने और फिर उनकी तस्करी विदेश में करने का धंधा महीनों से चल रहा है। दो मुंहा सांप के साथ कई तस्करों को पकड़ा जा चुका है।
प्रयागराज, जेएनएन। दो मुंहा सांप के बारे में ज्यादातर लोगों ने सुना होगा लेकिन इसके बारे में जानते बहुत ही कम लोग होंगे। दो मुंहा सांप की तस्करी के बारे में भी लोग अक्सर खबर पढ़ते और देखते रहते हैं। पिछले दिनों प्रयागराज में भी पुलिस ने एक गिरोह के आठ लोगों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से दो मुंहा सांप बरामद किया था जिसे वे यहां दूसरे गिरोह को कई लाख रुपये में बेचने के लिए आए थे। तो ऐसे मन में सवाल उठता होगा कि आखिर ऐसा क्या है इस सांप में जो इसकी कीमत विदेशों में लाखों रुपये है और इसी वजह से भारत के कई राज्यों से अपराधी गिरोह उसकी तस्करी करते हैं। अब तो जंगली और भारत के थार रेगिस्तान जैसे इलाकों में रहने वाले आम लोग भी इस सांप को पकड़कर गिरोह तक पहुंचा रहे हैं।
एक ही मुंह होता है और एक पूंछ
पहली बात तो आप यह जान लीजिए कि दो मुंहा सांप जिसका वैज्ञानिक नाम रेड सैंड बोआ है उसके दो नहीं बल्कि एक ही मुंह है। यानी सामान्य सांप की तरह एक ही मुंह और एक पूंछ। दरअसल खतरा महसूस होने पर यह अपनी पूंछ को भी उठा लेता है जिससे लोगों ने मान लिया कि उसके दो मुंह होते हैं और यही बात प्रचलित होती चली गई है। यह भी एक बात है कि इसके पूंछ की बनावट भी आम सांप की तरह पतली नहीं बल्कि मुंह की तरह होती है और यही गलतफहमी की वजह है।
आखिर क्यों है होती है तस्करी, किस काम आता है यह सांप
भारत के उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, बंगाल, हरियाणा जैसे राज्यों में इन कथित दो मुंहे सांपों को पकड़कर गिरोहों को बेचने और फिर उनकी तस्करी विदेश में करने का धंधा महीनों से चल रहा है। पिछले महीने प्रयागराज के मऊआइमा पुलिस के हत्थे चढ़े गिरोह के सदस्यों ने बताया था कि वह उस सांप को यहां के गिरोह को पांच लाख रुपये में बेचने आए थे। बाद में वह गिरोह उस सांप को विदेश में 45 लाख रुपये तक में बेच देता। पता तो यह भी चला है कि इसकी कीमत दो से तीन करोड़ रुपये तक होती है। तो सवाल उठता है कि इस सांप की इतनी कीमत है क्यों। सच तो यह है कि यह सांप किसी खास काम नहीं आता है। न तो दवा बनाने में कोई इसकी ऐसी खास जरूरत है।
बीमारी दूर करने और यौन शक्ति बढ़ाने की है भ्रांतियां
वन विभाग के पूर्व अधिकारी सुरेश साहनी का कहना है कि अब तक तो ऐसा कोई प्रामाणिक तथ्य नहीं है जिससे कहा जा सके कि इस सांप को खाने से कोई बीमारी ठीक होती है या फिर ताकत में इजाफा होता है। मगर एशिया के कई देशों में ऐसी भ्रांति है कि दो मुंहे सांप का सेवन करने से यौन शक्ति बढ़ती है। लाइलाज बीमारी दूर होने की भी गलतफहमी है। यही नहीं, कई स्थानों पर तांत्रिक क्रिया में भी इस्तेमाल होने की बात सामने आई है। इसी वजह से इस सांप को संरक्षित जीव की श्रेणी में रखा गया है। पिछले दिनों मऊआइमा पुलिस ने इस सांप की तस्करी में पकड़े गए लोगों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत नामजद मुकदमा लिखा था।