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लालबहादुर शास्‍त्री पुण्‍यतिथि: बैलगाड़ी से प्रचार कर इलाहाबाद के विधायक बने थे पूर्व प्रधानमंत्री

Lal Bahadur Shastri Death Anniversary लालबहादुर शास्त्री ने इस चुनाव में 20930 वोट प्राप्त किया था और लगभग 70 प्रतिशत मत पाकर वह विजयी हुए थे। उन्होंने दूसरे स्थान पर रहे किसान मजदूर प्रजा पार्टी के लाल बहादुर सिंह को 17740 वोटों से हराया था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Updated: Tue, 11 Jan 2022 12:10 PM (IST)
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वरिष्ठ कांग्रेस नेता किशोर वार्ष्‍णेय ने बताया कि शास्त्री जी का वह चुनाव बेहद ही दिलचस्प था।
प्रयागराज, [अमरीश मनीष शुक्ल]। पहले चुनाव में प्रयागराज के सोरांव में लाल बहादुर शास्त्री के सामने सब औंधे मुंह गिर गए थे। 1951 के इस चुनाव में उन्हें 70 फीसद मत मिला तो दूसरे नंबर पर रहने वाले लाल बहादुर सिंह को महज 10 प्रतिशत मतों से संतोष करना पड़ा। पूरे चुनाव में दिलचस्प यह था कि वह बैलगाड़ी और पैदल ही पूरा प्रचार करते थे। पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री का आज ही के दिन 1966 में ताशकंद में निधन हुआ था।

राजनीतिक करियर प्रयागराज से ही शुरू हुआ था

शास्‍त्री जी का प्रयागराज शहर (पूर्व में इलाहाबाद) से अटूट लगाव था। उनके राजनीतिक करियर को यहीं से रफ्तार मिली थी। यह संयोग है कि इस समय उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। शास्त्री जी भी पहली बार सोरांव नार्थ और फूलपुर वेस्ट सीट से विधानसभा का चुनाव लड़े थे। मौजूदा समय में इस सीट को सोरांव विधान सभा के नाम से जाना जाता है। इस सीट पर जीत के बाद वह पं. वल्लभ भाई पंत की सरकार में मंत्री भी बने।

लालबहादुर शास्‍त्री को 70 प्रतिशत मत मिले थे

वरिष्ठ कांग्रेस नेता किशोर वार्ष्‍णेय ने बताया कि शास्त्री जी का वह चुनाव बेहद ही दिलचस्प था। वे सोरांव बैलगाड़ी से चुनाव प्रचार करने के लिए गए थे। तब सोरांव कस्बा छोटा सा गांव था, यहां पैदल ही लोगों से उन्होंने मुलाकात की थी। उन्हें देखने और मिलने के लिए लोगों में अलग ही उत्साह होता था। लालबहादुर शास्त्री ने इस चुनाव में 20930 वोट प्राप्त किया था और लगभग 70 प्रतिशत मत पाकर वह विजयी हुए थे। उन्होंने दूसरे स्थान पर रहे किसान मजदूर प्रजा पार्टी के लाल बहादुर सिंह को 17740 वोटों से हराया था। उन्हें कुल वैध मतों का 10.56 प्रतिशत वोट मिला था।

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”हम सिर्फ अपने लिए ही नहीं बल्कि समस्‍त विश्‍व के लिए शांति और शांतिपूर्ण विकास में विश्‍वास रखते हैं” सादगीपूर्ण जीवन, विनम्रता व दृढ़ता से परिपूर्ण व्यक्तित्व के धनी एवं भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, जवानों एवं किसानों के प्रणेता भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। #LalBahadurShastri - Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) 11 Jan 2022

शास्‍त्री का आखिरी सोरांव दौरा 1965 में हुआ था

शास्त्री जी के बेहद करीबी रहे राजापुर मल्हुआ के रहने वाले बुजुर्ग कांग्रेस नेता पारस नाथ द्विवेदी बताते हैं कि शास्त्री जी के साथ उनका काफी समय बीता। वह अपने चुनाव के दौरान तो यहां आते ही थी। बैठक व बुलावे में भी कई बार आए। उनका सोरांव से इतना लगाव था कि वह इस इलाके को अपना दूसरा घर कहा करते थे। 26 अप्रैल 1965 को सोरांव (तब सोराम) में मेवालाल इंटर कालेज की स्थापना के समय वह खुद यहां आए और उनके द्वारा ही शिलान्यास हुआ था। यह उनका आखिरी सोरांव दौरा था। दयालपुर हाल्ट स्टेशन को भी उनके ही आदेश पर बनवाया गया था। अगर शास्त्री जी का असमय निधन न होता तो इस पूरे क्षेत्र को वह अलग ही पहचान देते।

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