बाजार में जल्द आने वाले हैं मलिहाबादी दशहरी आम, पिछली वर्ष की तुलना में इस वर्ष अधिक है फसल
वर्ष भर प्रतीक्षा और दिन रात कड़ी मेहनत के बाद बागों में अब अमिया की झलक दिखने लगी है। बागवान पूरी तन्मयता के साथ बागों में पानी खाद और कीटों से बचाने के उपाय करने में जुटे हैं।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Tue, 25 Apr 2023 11:26 AM (IST)
आशीष पांडेय, मलिहाबाद: वर्ष भर प्रतीक्षा और दिन रात कड़ी मेहनत के बाद बागों में अब अमिया की झलक दिखने लगी है। बागवान पूरी तन्मयता के साथ बागों में पानी, खाद और कीटों से बचाने के उपाय करने में जुटे हैं। कुछ समय बाद मलिहाबादी दशहरी आम के शौकीनों के समक्ष पेश होने के लिए तैयार है।
विश्व प्रसिद्ध है मलिहाबादी दशहरी आम
विश्व में अपनी मिठास के लिहाज से मशहूर मलिहाबादी दशहरी आम की फसल पिछले वर्ष की तुलना में अच्छी है। जितनी मांग मलिहाबादी आम की क्षेत्र में है, उससे कहीं ज्यादा मांग देश-विदेश में है। पिछले कई वर्षों से फलपट्टी क्षेत्र में आम की फसल कहीं कीट तो कहीं खराब मौसम की भेंट चढ़ जाती है।
बागवानों की अधिक लागत के अनुरूप फसल का लाभ नहीं मिल पा रहा है, जिससे आम का कारोबार लगातार नुकसान की तरफ जा रहा है। 30 हजार हेक्टेयर में फैले फलपट्टी क्षेत्र मलिहाबाद में औसतन 4 से 5 लाख मीट्रिक टन आम का उत्पादन प्रतिवर्ष होता है, जिससे हजारों करोड़ का लाभ क्षेत्र के बागवानों सहित इससे जुड़े काम करने वाले लोगों को मिलता है।
आम का सफर अक्टूबर में बौर आने से शुरू होकर जुलाई के अंत तक चलता है। इस समय आम का आकार बढ़ने की प्रक्रिया तेजी के साथ चल रही है। देखरेख के क्रम में बागवान अभी अपने बागों में पानी लगा रहे हैं, जिससे आम टेम्भू में जल्दी मजबूत हो जाए और तेज हवा का असर न पड़े। साथ ही पेड़ों में निकले नए कोपल भी मजबूत हो जाएं, जिससे आगामी वर्ष में भी पेड़ आम की अच्छी फसल दे सकें।
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