प्रतापगढ़ की स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल...हम नहीं सुधरेंगे, तैनाती स्थल पर नहीं जा रहे कई स्वास्थ्यकर्मी
शासन के आदेश के बाद भी प्रतापगढ़ के कई चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी अपने मूल तैनाती स्थलों पर नहीं जा रहे हैं। सीएमओ बोले क संबद्ध स्वास्थ्य कर्मियों को आदेश के अनुपालन के लिए कहा गया था। न मानने वालों पर कार्रवाई होगी। उनका वेतन रोका जाएगा।
प्रयागराज, जेएनएन। जरा...आप भी जान लें यूपी के प्रतापगढ़ जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल। यहां के कई चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी अपने मूल तैनाती स्थलों पर नहीं जा रहे हैं। शासन का आदेश है कि वह संबद्धता की आड़ में आराम नहीं कर पाएंगे। यह व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। उनको मूल तैनाती स्थल पर ही काम करना होगा। इस आदेश से प्रतापगढ़ के करीब 90 कर्मियों में खलबली तो है पर विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से वह अब भी मनचाही जगह पर ही हैं।
सीएमओ ने शासन के आदेश को लागू किया है : शासन ने पिछले महीने कहा था कि संबद्धता व्यवस्था औचित्यहीन है। शासन से इस व्यवस्था को खत्म करने का आदेश आने पर प्रतापगढ़ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) ने इसे स्थानीय स्तर पर जारी भी कर दिया। इसमें कहा गया है कि शासन की मंशा के अनुरूप अब किसी भी प्रकार का कोई अटैचमेंट नहीं किया जाएगा। सभी सीएचसी, पीएचसी के प्रभारी संबद्धता तत्काल समाप्त करें।
मनमानी में सुधार के लिए शासन का आदेश : हालांकि होता यह है कि कई डाक्टर व चिकित्सा कर्मी मिलीभगत करके अपना अटैचमेंट करवाकर वर्षों से अपनी पसंद वाले अस्पताल या कार्यालय में जमे हुए थे। जब सीएमओ निरीक्षण करने अस्पतालों में जाते तो पता चलता कि अमुक डाक्टर दूसरे अस्पताल में अटैच हैं। इस कारण कई अस्पताल तो डाक्टर विहीन हो गए। इस मनमानी में सुधार लाने की शासन की पहल पर यहां के कर्मी पानी फेरने में लगे हैं। आदेश फाइल में कैद है और वह जहां थे, वहीं हैं।
सीएमओ बोले- मनमानी करने वालों पर कार्रवाई होगी : सीएमओ डा. जीएम शुक्ल का कहना है कि संबद्ध स्वास्थ्य कर्मियों को आदेश के अनुपालन के लिए कहा गया था। न मानने वालों पर कार्रवाई होगी। उनका वेतन रोका जाएगा।