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अयोध्या में भी प्रस्तावित मंदिर कुंभ मेला , जानें क्या है विहिप की तैयारी

विहिप ने प्रयागराज कुंभ मेला में अयोध्‍या में प्रस्‍तावित मंदिर का मॉडल शिविर में रखेगी। 11 जनवरी से श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ इसे रखा जाएगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Updated: Thu, 10 Jan 2019 03:05 PM (IST)
अयोध्या में भी प्रस्तावित मंदिर कुंभ मेला , जानें क्या है विहिप की तैयारी
प्रयागराज : विश्व हिंदू परिषद श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में मंदिर निर्माण का मुद्दे गर्माने में जुटी है। इसका केंद्र बनेगा प्रयाग का कुंभ मेला। केंद्र सरकार से संसद में अध्यादेश लाने की मांग करने वाली विहिप कुंभ मेला में देश-विदेश से आ रहे श्रद्धालुओं से भावनात्मक रिश्ता जोडऩे की तैयारी कर रही है।

रिश्ते का आधार बनेंगे अयोध्या

अयोध्या में प्रस्तावित मंदिर का मॉडल रिश्ते का आधार बनेंगे। विहिप मंदिर के मॉडल को अपने शिविर में श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ रखवाएगी। अयोध्या में मंदिर निर्माण का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इससे इतर विहिप हिंदू जनमानस को जोडऩे में जुटी है। इसके पहले हिंदुओं को एक मंच पर लाने के लिए विहिप ने 1989 में शिला पूजन व सवा एक रुपये श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए दान लिया था। तब हिंदू जनमानस विहिप के पीछे पूरी तरह से खड़ा हो गया था। ठीक वैसी स्थिति बनाने के लिए मंदिर का मॉडल प्रयाग लाकर विहिप के सेक्टर 14 स्थित शिविर में रखा जाएगा। आम श्रद्धालु 11 जनवरी से उसका दर्शन कर सकेंगे।

सीतापुर से आया है मॉडल

प्रयाग आ रहा राम मंदिर का मॉडल सीतापुर में बना है। इसे 25 नवंबर को अयोध्या में आयोजित धर्मसभा में रखा गया था। दो मंजिला सुनहरे रंग का लकड़ी से बना मॉडल साढ़े सात फीट चौड़ा, 13 फीट लंबा, दस फीट ऊंचा है।

पहले भी आया है मंदिर मॉडल

प्रयाग कुंभ में पहले भी विहिप के शिविर में मंदिर का मॉडल आता रहा है। सबसे पहले 1989 कुंभ में चंदन की लकड़ी से बना मॉडल प्रयाग आया था। यह अयोध्या स्थित मंदिर निर्माण कार्यशाला में अभी भी रखा है। फिर 2001 कुंभ मेला में जयपुर में थर्माकोल व मार्बल डस्ट से बना मॉडल लाया गया था।

तराशे जा रहे पत्थर

श्रीराम जन्मभूमि न्यास कार्यशाला रामघाट अयोध्या में पत्थर तराशने का काम सितंबर 1990 से चल रहा है। हल्का गुलाबी व चंदन के रंग वाले पत्थर राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से मंगाए जाते हैं। विहिप ने दो तल में श्रीराम मंदिर का प्रारूप तैयार किया है। संपूर्ण मंदिर सौ एकड़ में होगा, जबकि मुख्य परिसर साढ़े तीन एकड़ में बनेगा। मंदिर में एक लाख, 75 हजार घनफुट पत्थर लगना है। अभी तक एक लाख घनफुट पत्थर पर काम पूरा हो चुका है। इसके तहत सिंह द्वार, रंगमंडप, परिक्रमा व गर्भग्रह बनकर तैयार है। संपूर्ण मंदिर में 212 खंभे लगेंगे, जिसमें 150 खंभे बन गए हैं। जबकि 85 बीम लगनी है, उसमें 45 बीम बन चुकी है। पूरे परिसर में श्रीराम के जीवन चरित्र पर आधारित 'राम कथा कुंज' प्रदर्शनी का निर्माण होगा।

विहिप के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा

विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश प्रवक्ता शरद शर्मा कहते हैं कि श्रीराम जन्मभूमि में मंदिर का निर्माण जल्द हो, यह हर सनातन धर्मावलंबी की इच्छा है। संतों के नेतृत्व में विहिप मंदिर निर्माण की दिशा में निरंतर आंदोलनरत है। मॉडल के जरिए लोगों को विश्वास दिलाया जाएगा कि हमारी मुहिम सार्थक दिशा में आगे बढ़ रही है।

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