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17 अप्रैल को चांद दिखेगा पूरे आकार में, शुक्र और चंद्रमा का स्थान परिवर्तन लाएगा जीवन पर असर

अप्रैल में छह खगोलीय घटनाएं होनी हैं। इन्हें हम आकाश में बिना किसी उपकरण की मदद के खुली आंख से देख सकते हैं। 27 अप्रैल को चंद्रमा और शुक्र बृहस्पति के निकट दिखाई देंगे। रात में 330 बजे से प्रात 530 बजे तक यह स्थिति बनी रहेगी।

By Ankur TripathiEdited By: Updated: Sun, 10 Apr 2022 11:28 AM (IST)
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अप्रैल में छह खगोलीय घटनाएं होंगी जिन्हें हम बिना किसी उपकरण की मदद के खुली आंख से देख पाएंगे
अमलेन्दु त्रिपाठी, प्रयागराज। जिस तरह पृथ्वी पर अलग अलग तरह के घटनाक्रम होते रहते हैं ठीक वैसे ही ग्रह नक्षत्रों की दुनिया भी चलायमान है। अप्रैल में छह खगोलीय घटनाएं होनी हैं। इन्हें हम आकाश में बिना किसी उपकरण की मदद के खुली आंख से देख सकते हैं। 27 अप्रैल को चंद्रमा और शुक्र बृहस्पति के निकट दिखाई देंगे। रात में 3:30 बजे से प्रात: 5:30 बजे तक यह स्थिति बनी रहेगी। इसके ठीक एक दिन पहले 26 अप्रैल को चंद्रमा के निकट मंगल ग्रह नजर आएगा जब कि 25 अप्रैल को चंद्रमा के पास शनि ग्रह रहेगा।

17 अप्रैल को पूरा नजर आएगा चांद और रंग होगा शुरू में गहरा लाल

एक और महत्वपूर्ण घटना 17 अप्रैल को होगी जब चांद पूरा नजर आएगा। इसका रंग शुरू में गहरा लाल होगा। इसी दिन पूर्णिमा होगी। माह की अन्य खगोलीय घटनाओं की चर्चा करें तो एक अप्रैल को अमावस्या हो चुकी है। पांच अप्रैल को मंगल और बृहस्पति एक दूसरे के करीब पहुंच गए थे।

देख सकेंगे वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या और तुला भी

जवाहर नक्षत्रशाला की विज्ञानी सुरूर फातिमा ने बताया कि अप्रैल में राशि चक्र सूर्य के काल्पनिक पथ पर दिखेगा। इसे आयनिक वृत्त के नाम से जानते हैं। महीने भर वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या और तुला राशियां इसी वृत्त पर रहेंगी। तारा मंडल में मृग, बृहल्लुब्धक, सारथी, वासुकी, भूतप, उत्तर मुकुट और शौरी को भी देखा जा सकेगा। अन्य चमकीले तारे जो दिखेंगे उनमें रोहणी, बहमहृदय, पुनर्वसु, मघा, चित्रा, काक्षी, राजन्य, व्याध, प्रश्वा और स्वाति शामिल हैं। आकाश में एक धुंधली पट्टी दिखेगी वही आकाशगंगा है।

20 अप्रैल को मेष राशि में प्रवेश करेगा सूर्य

विज्ञानी सुरूर फातिमा ने बताया कि सूर्य अभी मीन राशि में है। जो अपने मार्ग पर गति करता हुआ 20 अप्रैल को मेष राशि में प्रवेश करेगा। अभी सबसे छोटा ग्रह बुध भी मीन राशि में है। माह के मध्य सप्ताह में शाम 7:50 बजे अस्त होगा। सबसे चमकीला ग्रह शुक्र, लाल ग्रह मंगल और वलयाकार शनि ग्रह कुम्भ राशि में है। रात में तीन बजे वह पूर्व दिशा में इन दिनाें दिख रहा है। सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति मीन राशि में है और माह के मध्य सप्ताह में प्रातःकाल 4:30 बजे उदय हो रहा है।

जवाहर नक्षत्रशाला ने जारी किया आकाशीय मानचित्र

नक्षत्रशाला के निदेशक डा. वाई रवि किरन ने बताया कि संस्थान की तरफ से अप्रैल का आकाश का मानचित्र जारी किया गया है। इसकी मदद से तारों की पहचान हो सकेगी। उसके अनुसार माह के पहले दस दिन देखें तो रात दस बजे, उसके अगले दस दिन देखना हो तो रात नौ बजे और अंतिम दस दिन देखना हो तो रात आठ बजे देखें तो तारों की पहचान आसानी से हो सकती है। मानचित्र को सिर के ऊपर इस प्रकार रखें कि मानचित्र का उत्तर पृथ्वी के उत्तर और दायीं ओर पूर्व दिशा हो। उत्तर में ध्रुव तारे को सप्तर्षि के सूचक द्वारा पहचान सकते हैं।

ज्योतिष शास्त्र कहता है विशेष प्रभाव उत्पन्न करेगा

ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय के अनुसार जब आकाश में एक साथ कई ग्रहों का परिवर्तन होता है, तब मनुष्य के भाग्य में अनुकूल एवं प्रतिकूल परिस्थितियां बनती है। ब्रह्माण्ड में मौजूद ग्रह पिंडों का प्रभाव पृथ्वी पर रहने वाले मनुष्यों पर पड़ता है। ग्रह पिंड की शक्ति मानव पिंड को प्रभावित करती है। अप्रैल में कई ग्रहों का राशि परिवर्तन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विशेष प्रभाव उत्पन्न करेगा। अप्रैल में मंगल, बुध, राहु केतु, सूर्य, शनि, शुक्र का जनमानस के भाग्य में प्रभाव दिखेगा।

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