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Naini Central Jail: प्रयागराज के केंद्रीय कारागार में बंद ‘खून के रिश्तों’ के बीच अब शुरू हुई मुलाकात

नैनी सेंट्रल जेल में भी पुरुष और महिला बंदियों को अलग-अलग बंदी गृह में रखा जाता है। एक ही जेल के दो परिसर में रहते हुए वह एक-दूसरे को देख भी नहीं सकते। इसी में काफी संख्या में ऐसे भी बंदी हैं जिसमें मां-बेटे पति-पत्नी पुत्र-पुत्री रिश्ते के लोग हैं।

By rajendra yadavEdited By: Ankur TripathiUpdated: Mon, 21 Nov 2022 06:50 AM (IST)
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जेल में मुलाकात करना एक बड़ा मुश्किल भरा काम रहा है जिसे आसान किया गया है

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। नैनी सेंट्रल जेल। समय दोपहर के 12 बजे। अचानक 90 पुरुष बंदियों को मुलाकात के स्थान पर लाया जाता है। 10 मिनट बाद 70 महिला बंदी भी वहां पहुंचती हैं। इसमें चार की गोद में बच्चे होते हैं। इसमें महिलाएं पुरुष बंदियों से लिपटकर रोने लगती हैं। बच्चे को पुरुष बंदी गोद में ले लेता है।

यह दृश्य देखकर ऐसा लगा मानो यह जेल नहीं, कोई ऐसा स्थान है, जहां लोग अपनो से मिल रहे हो। लेकिन यह जेल की ही बदली व्यवस्था थी, जिसने माहौल ऐसा बना दिया था। शासन से दो दिन पहले आए निर्देश के बाद जेल में बंद ‘खून के रिश्तों’ को आपस में मिलने की बात कही गई थी, जिसे लेकर पहले रविवार को इसका पालन किया जा रहा था।

पहले दिन 160 बंदी मिले, तीन घंटे तक की बातचीत

अन्य जेलों की तरह ही नैनी सेंट्रल जेल में भी पुरुष और महिला बंदियों को अलग-अलग बंदी गृह में रखा जाता है। एक ही जेल के दो परिसर में रहते हुए वह एक-दूसरे को देख भी नहीं सकते। इसी में काफी संख्या में ऐसे भी बंदी हैं, जिसमें मां-बेटे, पति-पत्नी, पुत्र-पुत्री, देवर-भाभी आदि खून के रिश्ते के लोग शामिल हैं। अलग-अलग बंदी गृह में होने के कारण इनकी आपस में मुलाकात नहीं हो पाती थी। एक-दूसरे का हालचाल तक नहीं ले पाते थे।

शासन ने समझी पीड़ा और हो गई यह व्यवस्था

संभवत: इनकी इस पीड़ा को शासन ने समझा और राहत प्रदान करने के लिए एक ऐसा कदम उठाया, जिससे इन बंदियों का मानसिक तनाव कुछ हद तक खत्म हो गया। निर्देश दिया गया कि खून के रिश्ते से जुड़े उन बंदियों की आपस में मुलाकात प्रत्येक रविवार को कराई जाए। इसके लिए समयसीमा की कोई बाध्ता नहीं है, लेकिन तीन घंटे पर्याप्त हैं। इसी के तहत पहले रविवार को महिला और पुरुष बंदियों को मुलाकात स्थल पर लाकर एक-दूसरे से मिलवाया गया।

सप्ताह में दाे बार बंदियों से मिल सकेंगे

नैनी : बदली हुई व्यवस्था के तहत केंद्रीय कारागार में रविवार को बंदियों से मुलाकात अब पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। अब शनिवार को मुलाकात कराई जाएगी। शासन के आदेश पर अब विचाराधीन बंदियों से सप्ताह में दो बार मुलाकात हो सकेगी। जबकि सजायाफ्ता बंदियों से उनके स्वजन एक पखवारे के बजाय एक सप्ताह में मुलाकात कर सकेंगे।

इन्होंने यह बताया

शासन द्वारा दिए के निर्देश के तहत रविवार से जेल में बंद खून के रिश्तों की आपस में मुलाकात शुरू करा दी गई है। यह मुलाकात प्रत्येक रविवार को होगी। इससे परिवार के लोग आपस में बैठकर बातचीत कर सकेंगे। इससे उनको यह अहसास रहेगा कि उनका भी परिवार है। मानसिक रूप से वह स्वस्थ्य रहेंगे और अच्छा नागरिक बनने की कोशिश करेंगे।

आरके सिंह, प्रभारी जेल अधीक्षक

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