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Narendra Giri Death Case: आनंद गिरि ने MP के जबलपुर में किया सुनवाई का आग्रह, सुप्रीम कोर्ट में याचिका

प्रयागराज जिला न्यायाधीश संतोष राय ने महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में चित्रकूट जेल में निरूद्ध आनंद गिरि को बचाव में दस्तावेजों को दाखिल किए जाने के लिए अंतिम मौका दिया है। अदालत ने कहा है कि 23 नवंबर तक वह दस्तावेज दाखिल कर दें>

By Jagran NewsEdited By: Ankur TripathiUpdated: Wed, 16 Nov 2022 08:38 PM (IST)
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मुकदमे की सुनवाई मध्य प्रदेश किए जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर किया है याचिका
प्रयागराज, जेएनएन। Narendra Giri Death Case: प्रयागराज के जिला न्यायाधीश संतोष राय ने महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में चित्रकूट जेल में निरूद्ध आनंद गिरि को अपने बचाव में दस्तावेजों को दाखिल किए जाने के लिए अंतिम मौका दिया है। अदालत ने कहा है कि 23 नवंबर तक वह सभी तरह के दस्तावेज दाखिल कर दें। अन्यथा, आरोप तय कर दिए जाएंगे। अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 23 नवंबर की तिथि तय की है।

एमपी के जबलपुर में सुनवाई चाहते हैं आनंद गिरि

इसके पूर्व केस की सुनवाई शुरू होते ही आनंद गिरि के अधिवक्ता ने कोर्ट में अर्जी दाखिल की और बताया कि उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दाखिल कर केस दूसरे प्रदेश में स्थानांतरण किए जाने की मांग की गई है। आनंद गिरि चाहते हैं कि उनके केस की सुनवाई मध्य प्रदेश की जबलपुर कोर्ट में किया जाए। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई कर रहा है। इसके साथ ही जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल है। इसलिए अभी आरोप तय करने के मामले में आठ हफ्ते तक सुनवाई न शुरू किया जाए।

सीबीआइ के अधिवक्ता ने कहा- जानबूझकर किया जा रहा विलंब

हालांकि, सीबीआइ के अधिवक्ता मोहम्मद फरीद और शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि ने इस पर विरोध जताया। कहा कि बुधवार को आरोप तय करने के लिए तारीख तय की गई थी। जानबूझकर विलंब किया जा रहा है। सुनवाई के दौरान अभियुक्त आनंदगिरि, आद्या और संदीप तिवारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उपस्थित रहे।

आद्या प्रसाद को चिकित्सकीय सुविधा देने का आदेश

कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले को 23 नवंबर को फिर से पेश करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही अदालत ने आद्या प्रसाद की अर्जी पर सुनवाई करते हुए उसे चिकित्सकीय सुविधा और मुकदमे से जुड़े सभी दस्तावेजों की द्वितीय प्रति उपलब्ध कराने का आदेश दिया।

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