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Narendra Giri Death Case: आनंद गिरि पर तय नहीं हो सका आरोप, कोर्ट से वकील नियुक्त करने का अंतिम अवसर

महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या प्रकरण में आरोपित आनंद गिरि व अन्य के खिलाफ आरोप तय करने की कार्यवाही शुक्रवार को नहीं हो सकी। अब प्रकरण में चार नवंबर को अगली सुनवाई होगी। जिला जज संतोष राय ने आरोपितों को अपना अधिवक्ता नियुक्त करने के लिए आखिरी मौका दिया है

By Jagran NewsEdited By: Ankur TripathiUpdated: Fri, 28 Oct 2022 08:29 PM (IST)
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नरेंद्र गिरि आत्महत्या मामले में जिला जज की अदालत में सुनवाई
प्रयागराज,जागरण संवाददाता। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या प्रकरण में आरोपित आनंद गिरि व अन्य के खिलाफ आरोप तय करने की कार्यवाही शुक्रवार को नहीं हो सकी। अब प्रकरण में चार नवंबर को अगली सुनवाई होगी। जिला जज संतोष राय ने आरोपितों को अपना अधिवक्ता नियुक्त करने के लिए आखिरी मौका दिया है। कोर्ट ने कहा है कि चार नवंबर तक आरोपित अपना अधिवक्ता नियुक्त नहीं करते तो सरकारी अधिवक्ता नियुक्त कर आरोप तय करने की कार्यवाही पूरी कर दी जाएगी।

आनंद गिरि की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई

चित्रकूट जेल में निरूद्ध आनंद गिरि की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई। आनंद गिरि से जिला जज ने डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र के बारे में पूछा। इस पर आनंद गिरि ने कहा कि हमने अपना अधिवक्ता बदल दिया है। अदालत में आज मेरी तरफ से पैरवी के लिए जो उपस्थित हुए हैं अब वह मेरे अधिवक्ता नही हैं। हमें एक माह का समय दिया जाए ताकि हम अपना अधिवक्ता नियुक्त कर सकें जो मेरा पक्ष रख सकें।

आद्या प्रसाद और संदीप की तरफ से भी कोई अधिवक्ता सुनवाई में उपस्थित नहीं

नैनी सेंट्रल जेल में निरूद्ध अन्य दो आरोपितों आद्या प्रसाद और संदीप की तरफ से भी कोई अधिवक्ता सुनवाई में उपस्थित नहीं हुआ। बंधवा स्थित बड़े हनुमान मंदिर के पूर्व में मुख्य पुजारी रहे आद्या प्रसाद तिवारी तथा उनके बेटे संदीप तिवारी की पेशी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई। महंत नरेंद्र गिरि 20 सितंबर 2021 की शाम श्री मठ बाघम्बरी गद्दी स्थित विश्राम गृह के कमरे में मृत मिले थे। उनका शव फंदे से लटका मिला था। इस बहुचर्चित मामले में सीबीआइ ने जांच कर चार्ज शीट दायर की है।

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