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UP Budget 2020 : झलवा में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय को मंजूरी, इस तर्ज पर बनेगा Prayagraj News

न्याय विभाग के प्रस्ताव पर प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। बजट में इसको मंजूरी मिल गई है। नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी बंगलुरु की तर्ज पर इसका निर्माण होगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Updated: Thu, 20 Feb 2020 07:29 AM (IST)
UP Budget 2020 : झलवा में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय को मंजूरी, इस तर्ज पर बनेगा Prayagraj News
प्रयागराज, जेएनएन। शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर झलवा में जल्द ही 25 एकड़ जमीन पर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय खुल जाएगा। न्याय विभाग के प्रस्ताव पर उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को इसके लिए मंजूरी मिल गई। यह विश्वविद्यालय बंगलुरु स्थित नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी की तर्ज पर खोला जाएगा।

इस विश्वविद्यालय में डिप्लोमा और डिग्री पाठ्यक्रम भी होंगे

वकीलों के शहर में खुलने वाले इस विश्वविद्यालय में डिप्लोमा और डिग्री पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे। साथ ही न्यायिक व अन्य विधि सेवाएं, विधि निर्माण, विधि सुधार के क्षेत्र में शोध की भी सुविधा होगी। यहां व्यावसायिक शिक्षा और न्यायिक पदाधिकारियों व अन्य व्यक्तियों को विधि क्षेत्र में प्रशिक्षण देने की व्यवस्था भी होगी। इसके अलावा पुरातन धर्मग्रंथ एवं भारत की पुरातन न्यायिक व्यवस्था पर शोध की व्यवस्था भी होगी। इस विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश होंगे।

हाईकोर्ट इलाहाबाद के मुख्य न्यायाधीश विवि के कुलाधिपति होंगे

हाईकोर्ट इलाहाबाद के मुख्य न्यायाधीश कुलाधिपति होंगे। वही कुलपति की नियुक्ति करेंगे। विश्वविद्यालय में महापरिषद, कार्य परिषद, शैक्षिक परिषद और वित्तीय समिति का गठन होगा। महापरिषद को विश्वविद्यालय के बारे में फैसला लेने का सर्वोच्च अधिकार होगा। विश्वविद्यालय में कुलपति, कुल सचिव, वित्त अधिकारी, परीक्षा नियंत्रक और ऐसे अधिकारी रखे जाएंगे जिसके लिए नियम में व्यवस्था होगी। सामान्य परिषद में विधि मंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री, महान्यायवादी, सचिव कानून एवं विधिक मामलों के विभाग के अधिकारी, सचिव उच्च शिक्षा, सचिव वित्त, सभापति राज्य विधिज्ञ परिषद सदस्य होंगे।

16 साल पहले हुई थी घोषणा

विधि विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा 16 साल पहले आठ जनवरी 2003 को हो गई थी। शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क स्थित पब्लिक लाइब्रेरी में प्रदेश विधानसभा की विशेष बैठक आयोजित की गई थी। उस समय प्रदेश में भाजपा और बसपा की संयुक्त सरकार थी। बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती मुख्यमंत्री थीं। मायावती ने ही विधि विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा की थी। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे केशरी नाथ त्रिपाठी तब प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष थे। उनकी पहल पर बुलाई गई बैठक में तत्कालीन राज्यपाल स्व. विष्णुकांत शास्त्री, मुख्यमंत्री मायावती, केशरी नाथ त्रिपाठी, विपक्ष के नेता प्रमोद तिवारी ने विचार रखे थे। सपा ने इसका बहिष्कार किया था। इस घोषणा के सात माह बाद 29 अगस्त 2003 को भाजपा के समर्थन वापस लेने की वजह से मायावती की सरकार जाने के साथ घोषणा खटाई में पड़ गई थी।

राज्य विवि में दूर होगा शिक्षकों का संकट

कैबिनेट की बैठक में प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्‍जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय में जल्द ही शिक्षकों का संकट दूर किए जाने का भी मामला उठा। दरअसल, यहां 20 विषयों में 92 पदों पर शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं। रजिस्ट्रार प्रो. शेषनाथ पांडेय ने बताया कि इसमें से 76 पदों का विज्ञापन जारी किया जा चुका है। आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो चुका है। इस वक्त स्क्रूटनी का कार्य तेजी से चल रहा है। उन्होंने दावा किया कि जल्द ही भर्ती प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इसके बाद बचे हुए रिक्त पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया जाएगा।

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