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NCZCC Craft Haat: प्रयागराज में 12 राज्‍याें से आए हैं शिल्‍पकार, शीतल मेले में लुभा रहे उत्‍पाद

NCZCC Craft Haat 12 राज्यों से आए शिल्पकारों ने अपनी क्षेत्रीय संस्कृति को दर्शाती प्रदर्शनी लगाई है। इसमें बनारसी साडिय़ां पंजाबी सूट कश्मीर की पशमीना शाल और पशमीना सूट गुजरात के पिलो कवर बेडशीट बैग और अफगानी ज्वेलरी और नार्मल ज्वेलरी की दुकानें महिलाओं के आकर्षण का केंद्र हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Updated: Thu, 18 Nov 2021 03:55 PM (IST)
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एनसीजेडसीसी का शिल्प हाट में लगा मेला क्षेत्रीय संस्कृति का आदान प्रदान कर रहा है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। कोविड-19 की परेशानियों से कुछ निजात मिलने पर जिंदगी की गाड़ी पटरी पर दौड़ पड़ी है। वहीं व्यापार के साथ शिल्पकारों का हुनर भी खिल उठा है। कई राज्यों से आए शिल्पियों के उसी हुनर से इन दिनों प्रयागराज में उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनसीजेडसीसी) का शिल्पहाट गुलजार है। यहां लगे शीतल मेले में कश्मीर के प्रसिद्ध गर्म कपड़े जिसमें पश्मीना शाल और मफलर, गुजरात से लाई गई बेडशीट और पिलो कवर, राजस्थानी शिल्पकार और लजीज व्यंजनों के उस्ताद शीतल मेले में शहरियों को लुभा रहे हैं।

महिलाओं के लिए भी हैं साडि़यां, सूट और आकर्षक ज्‍वेलरी

कोविड-19 प्रोटोकाल के पालन के बीच यहां इस बार 90 दुकानों की हाट सजी है। इसमें 12 राज्यों से आए शिल्पकारों ने अपनी क्षेत्रीय संस्कृति को दर्शाती प्रदर्शनी लगाई है। इसमें बनारसी साडिय़ां, पंजाबी सूट, कश्मीर की पशमीना शाल और पशमीना सूट, गुजरात के पिलो कवर, बेडशीट बैग और अफगानी ज्वेलरी और नार्मल ज्वेलरी की दुकानें महिलाओं के आकर्षण का केंद्र बनी हैं।

उठ रही लजीज राजस्‍थानी, गुजराती व्‍यंजनों की खुशबू

राजस्थानी व्यंजन, गुजराती व्यंजन की दुकानों से पकवानों की उठती महक ग्राहकों को अपनी ओर बरबस ही खींच रही है। पिछले दिनों शीतल मेले का उदघाटन करने पहुंचीं महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी ने इसे प्रधानमंत्री का ड्रीम लोकल फोर वोकल बताया था। शहरियों की इस मेले तक पहुंच ने भी रौनक बढ़ा दी है।

वाराणसी के अरची ने कहा- संस्कृति का होता है आदान प्रदान

मेले में स्‍टाल लगाने वाले वाराणसी के दुकानदार अरची कहते हैं कि वाराणसी की मशहूर साडिय़ां ग्राहकों को खूब पसंद आ रही हैं। प्रदर्शनी में दुकान लगाने का मकसद बिक्री से ज्यादा अपनी व्यापारिक संस्कृति का एक दूसरे से आदान प्रदान करना है।

कश्‍मीर के अब्‍दुल हमीद बोले, हम ग्राहक को नहीं, ग्राहक हमें लुभाते हैं

कश्‍मीर के अब्‍दुल हमीद बोले कि इतनी दूर से खिंचे चले आते हैं। यह संगमनगरी के ग्राहकों का स्नेह ही है। यहां आने से एक दूसरे की संस्कृति पता चलती है। हम ग्राहक को नहीं, ग्राहक हमें लुभाते हैं।

भोपाल के इमरान चंदेरी साडिय़ां लेकर आए हैं

भोपाल के इमरान ने कहा कि चंदेरी साडिय़ां वैसे तो हर जिले में मिलती हैं लेकिन भोपाल के इस खास आइटम को लेकर संगमनगरी के ग्राहकों के बीच आने से उनकी पसंद भी पता चलती है।

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