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अब ग्राम पंचायतें चालू कराएंगी पानी की टंकियां

वर्ष 2003 में स्वजल धारा योजना के तहत जनपद भर में 44 पानी की टंकियां बनाने का प्रस्ताव शासन में भेजा गया था। बजट के अभाव में कई साल तक प्रस्ताव पर मुहर नहीं लग सकी। वर्ष 2008-09 में शासन ने योजना के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी।

By JagranEdited By: Updated: Mon, 29 Oct 2018 06:51 PM (IST)
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अब ग्राम पंचायतें चालू कराएंगी पानी की टंकियां

प्रयागराज : बजट के अभाव में स्वजल धारा योजना दम तोड़ रही है। 10 साल पहले अंचल में स्वजल धारा योजना के तहत 44 पानी की टंकियां बनाई जानी थी। किश्त जारी होने के बाद काम शुरू हो गया। तीसरी किश्त जारी होने के इंतजार में कई साल बीत गए। काम अधूरा ही छोड़ दिया गया। अचानक शासन ने इस योजना पर रोक लगा दी। ग्राम्य विकास विभाग ने टंकी को चालू कराने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों को देने का मन बनाया है।

वर्ष 2003 में स्वजल धारा योजना के तहत जनपद भर में 44 पानी की टंकियां बनाने का प्रस्ताव शासन में भेजा गया था। बजट के अभाव में कई साल तक प्रस्ताव पर मुहर नहीं लग सकी। वर्ष 2008-09 में शासन ने योजना के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। सभी ब्लाक क्षेत्रों के चिह्नित कुछ ग्राम पंचायतों में पानी की टंकी बनाने का काम शुरू कराया गया। पहली व दूसरी किश्त मिलने तक काम तेजी से चलता रहा। तीसरी किश्त न मिलने से काम बंद हो गया। ग्राम्य विकास विभाग ने तीसरी किश्त की डिमांड की, लेकिन बजट के अभाव में किश्त नहीं मिल सकी। इससे पानी की टंकी का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका। करोड़ों खर्च के बाद भी मजरों में घर-घर तक पानी देनी की मंशा फेल हो गई। धीरे-धीरे करके टंकी जर्जर होना शुरू हो गई। ग्राम्य विकास विभाग ने पानी की टंकी को चालू करवाने के लिए इसे ग्राम पंचायतें के हवाले करने की योजना बनाई है। ग्राम पंचायत में विकास कार्य से मिलने वाले मद से इसे पूरा करने की रणनीति तैयार की जा रही है। प्रस्ताव भी तैयार किया जा रहा है। शासन से अनुमति मिलने के बाद इसे ग्राम पंचायत को सुपुर्द कर दिया जाएगा। 2.20 करोड़ होना था खर्च :

स्वजल योजना में 2.20 करोड़ रुपये खर्च करके 44 पानी की टंकी बनाया जाना था। प्रति टंकी के निर्माण कार्य पूरा कराने में करीब पांच से सात लाख रुपये की लागत आंकी गई थी। करीब 1.75 करोड़ रुपये खर्च किया जा चुका है। बाकी धनराशि न मिलने से निर्माण कार्य बंद हो गया। अधिकांश टंकी का कार्य अभी भी अधूरा पड़ा है। 1000 लीटर क्षमता की बननी थी टंकी :

स्वजल धारा योजना में बनाए जाने वाली पानी की टंकी की क्षमता करीब एक हजार लीटर की है। मजरे की आबादी अधिक होने से कुछ टंकियों की क्षमता इसे दो गुना किए जाने का निर्देश था। बस्ती की जनसंख्या अधिक होने वाले मजरों में टंकी की क्षमता दो गुना अधिक बनाए जाने का भी फरमान था। बजट के अभाव में स्वजल धारा योजना बंद हो चुकी है। काफी कार्य अधूरा पूरा है। ग्राम पंचायतों को इसे पूरा कराने की जिम्मेदारी दी जाएगी।

-सुदामा प्रसाद, डीडीओ