कबर बिज्जू करते हैं पशुओं पर इस तरह से हमला, प्रयागराज में भेड़ों की मौत में बना है रहस्य
पशुबाड़े में 129 भेड़ों को मार डालने के मामले में ग्रामीणों ने सीधे तौर पर इसे कबर बिज्जू का हमला बताया है। ग्रामीणों का कहना है कि इस प्रकार का हमला सिर्फ कबर बिज्जू ही करते हैं। अक्सर पशुबाड़े के आसपास वे कबर बिज्जू को देखते भी थे।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। यमुनापार इलाके नैनी के देवरख गांव के बाहर पशुबाड़े में 129 भेड़ों को मार डालने के मामले में ग्रामीणों ने सीधे तौर पर इसे कबर बिज्जू का हमला बताया है। ग्रामीणों का कहना है कि इस प्रकार का हमला सिर्फ कबर बिज्जू ही करते हैं। अक्सर पशुबाड़े के आसपास वे कबर बिज्जू को देखते भी थे।
गंगा किनारे शव दफनाने की वजह से बड़ी संख्या में हैं कबर बिज्जू
गांव के बाहर जहां पशुबाड़ा बनाया गया है, वहां से करीब पांच सौ मीटर दूर पर गंगा नदी है। इसी नदी के बगल शवों को दफनाया गया है। जिस कारण यहां बड़ी संख्या में कबर बिज्जू हैं। ग्रामीण इनको तो वहां देखते ही हैं, अक्सर पशुबाड़े के आसपास भी इनको देखा जाता था। शनिवार सुबह घटनास्थल पर मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि इस प्रकार का हमला सिर्फ कबर बिज्जू ही करते हैं। वे जमीन के नीचे गड्ढा खोदने के साथ ही दीवार पर भी चढ़ जाते हैं। पलक झपकते ही पशुओं पर हमला कर देते हैं। वे पशुओं के चेहरे और पेट पर ही वार करते हैं, जिस कारण पशुओं की मौत हो जाती है।
आठ फीट की है ऊंची दीवार और मुख्य द्वार पर बंद था ताला
भेड़ों को जिस पशुबाड़े में रखा जाता था, वहां चारों पर आठ फीट की चहारदीवारी बनवाई गई थी। आने-जाने के लिए सिर्फ एक ही रास्ता है। वहां भी लोहे का दरवाजा लगा हुआ है। दिन ढलने के बाद पशुपालक दरवाजे पर ताला लगातार घर चले जाते थे। शनिवार सुबह जब घटना हुई तो दरवाजे पर ताला बंद था। ऐसे में आशंका है कि जानवर चहारदीवारी पर चढ़कर ही भीतर दाखिल हुए।
पशुपालकों ने की मुआवजे की मांग
भेड़ पालकों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच पड़ताल की। पशुपालकों से बात की। जिस पर पशुपालकों ने मुआवजे की मांग करते हुए एसडीएम को बुलाने के लिए कहा। हालांकि, अधिकारियों ने सभी को समझाकर शांत कराया। उधर, भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के महानगर के महासचिव संजय श्रीवास्तव ने प्रशासन से भेड़ पालकों को उचित मुआवजा देने की मांग की है।
एक-दूसरे के ऊपर गिरने से अधिकांश भेड़ों की मौत
मृत 129 भेड़ों के शव का पोस्टमार्टम करने वाले पशु चिकित्सकों ने विसरा सुरक्षित कर लिया है। पशु चिकित्सक डा. मनीषा सिंह का कहना है कि अधिकतर भेड़ों के चेहरे और पेट में काटने का कोई घाव नहीं था। उनके शरीर पर खरोंच के निशान थे। संभावना है कि जब अज्ञात जानवर ने भेड़ों पर हमला किया तो वह भागने लगे। एक-दूसरे के ऊपर गिरने की वजह से अधिकांश भेड़ों की मौत हो गई। हालांकि, विसरा रिपोर्ट आने के बाद पूरा मामला स्पष्ट हो जाएगा।