Taliban आतंकियों की दहशत प्रयागराज में भी, SHUATS के अफगानी छात्रों को है परिवार की चिंता
प्रयागराज के नैनी स्थित शुआट्स में पढ़ने वाले अफगानी छात्र सफीउल्ला और नमाजित का कहना है एक सप्ताह पहले परिवार के लोगों से वार्ता हुई थी। मां फोन पकड़ते ही रोने लगी थी। सभी मुल्क की सलामती को लेकर दुआ कर रहे हैं।
By Brijesh SrivastavaEdited By: Updated: Tue, 17 Aug 2021 01:38 PM (IST)
प्रयागराज, जेएनएन। अफगानिस्तान पर तालिबान आतंकियों द्वारा कब्जा किए जाने से उत्पन्न चिंता की लकीरें प्रयागराज तक पहुंच गई है। यहां के नैनी स्थित सैम हिग्गिनबाटम कृषि, प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय (शुआट्स) में अध्ययनरत अफगानी छात्र भी परेशान हैं। उनकी अफगानिस्तान में रहने वाले अपने स्वजनों से ठीक तरीके से बात नहीं हो पा रही है। इससे उनमें चिंता की लहर है।
शुआट्स नैनी में नौ अफगानी छात्र अध्ययनरत हैं इन दिनों शुआट्स में अफगानिस्तान के नौ छात्र अध्ययन कर रहे हैं। इनमें से जाकिर उल्लाह फैजली पिछले पांच साल से शोध कर रहा। शैफुउल्लाह तकाजी दो साल से एमटेक, नवाजिस राजायी एमएससी, जियाउलहक जिया एमबीए और फारुक उल्लाह एमटेक का छात्र हैं। इनके अलावा चार छात्र कोविड-19 के चलते अपने मुल्क लौट गए थे, जो आनलाइन पढ़ाई करते हैं।
जाकिर से बात करते समय मां रोने लगी थी छात्र जाकिर उल्लाह का कहना है कि पिछले कई दिनों से उसका मन अपने परिवार की सलामती को लेकर परेशान हैं। परिजन से थोड़ी देर के लिए बात हुई थी। सभी सहमे हुए थे। सफीउल्ला और नमाजित का कहना है एक सप्ताह पहले परिजनों से वार्ता हुई थी। मां फोन पकड़ते ही रोने लगी थी। सभी मुल्क की सलामती को लेकर दुआ कर रहे हैं।
बोले, शुआट्स के इंटरनेशनल लायसन आफिसर
शुआट्स के इंटरनेशनल लायसन आफिसर मोहम्मद माजिद का कहना है कि अफगानिस्तान पर तालिबानी हमला शुरू होने के साथ ही वहां के छात्रों में परिवार वालों को लेकर चिंता बढ़ गई थी। समय समय पर उनसे परिवार वालों से बात होती रहती है।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हास्टल में हैैं 12 अफगानी छात्रअफगानिस्तान की राजधानी काबुल से 1581 किलोमीटर दूर है संगम नगरी। गूगल यही बताता है। यहां पूरब के आक्सफोर्ड कहलाने वाले इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में अध्ययनरत दर्जन भर अफगानी छात्रों का सुकून तालिबानियों ने छीन लिया है। हाल फिलहाल स्वदेश लौटने जैसी बात उनके जेहन में नहीं रह गई है। अब चिंता अपने परिवार वालों की है और वीजा की अवधि बढ़वाने की। चैथम लाइन स्थित इंटरनेशनल हास्टल के यह अंतेवासी कहते हैैं कि जाने किसकी नजर लग गई है हमारे मुल्क पर। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के इंटरनेशन हास्टल में 12 अफगानी छात्र हैं।
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