सिक्किम में पौधों की नई प्रजाति पैडिकुलैरिस रिविलियाना, विज्ञानियों ने की औषधीय गुणों का पता लगाने की सिफारिश
भारत के पूर्वोत्तर भाग में स्थित पर्वतीय राज्य सिक्किम अपनी जैव विविधता के लिए जाना जाता है। भारतीय हिमालय क्षेत्र के संपूर्ण पौधों की विविधता में अकेले सिक्किम की हिस्सेदारी 45 प्रतिशत है। बाटनिकल सर्वे आफ इंडिया (बीएसआइ) प्रयागराज केंद्र के विज्ञानियों ने इस राज्य में पौधों की एक नई हेमिपैरासिटिक प्रजाति पैडिकुलैरिस रिविलियाना की खोज की है। विज्ञानियों ने की औषधीय गुणों का पता लगाने कि सिफारिश की है।
By Jagran NewsEdited By: Paras PandeyUpdated: Fri, 28 Jul 2023 07:57 AM (IST)
प्रयागराज,मृत्युंजय मिश्र। भारत के पूर्वोत्तर भाग में स्थित पर्वतीय राज्य सिक्किम अपनी जैव विविधता के लिए जाना जाता है। भारतीय हिमालय क्षेत्र के संपूर्ण पौधों की विविधता में अकेले सिक्किम की हिस्सेदारी 45 प्रतिशत है। बाटनिकल सर्वे आफ इंडिया (बीएसआइ) प्रयागराज केंद्र के विज्ञानियों ने इस राज्य में पौधों की एक नई हेमिपैरासिटिक प्रजाति पैडिकुलैरिस रिविलियाना की खोज की है।
विज्ञानियों ने इस पौधे के औषधीय गुणों का पता लगाने कि सिफारिश की
यह खुद भोजन बनाने के साथ ही आसपास की स्थित पेड़-पौधों की जड़ों से मिलकर पोषक तत्व जुटाने की क्षमता रखता है। यह शोध अंतरराष्ट्रीय नारडिक जर्नल आफ बाटनी के जुलाई अंक में प्रकाशित हुआ है। इस नई प्रजाति की खोज के बाद अब विज्ञानियों ने इस पौधे के औषधीय गुणों का पता लगाने की सिफारिश की है।
वनस्पति विज्ञानी डा.जेम्स लारिट्ज रिवील का दिया गया नाम
बीएसआइ प्रयागराज केंद्र के विज्ञानी डा. आरती गर्ग और अच्युतानंद शुक्ल ने वर्ष 2019 में सिक्किम दौरे के दौरान कटाओ के अनछुए जंगल से नई प्रजाति पैडिकुलैरिस रिविलियाना को प्रयागराज लाए थे। यह पैडिकुलैरिस की प्रजातियों के समूह से संबंधित है, जिसमें रेडिकल और विपरीत या घुमावदार कौलाइन पत्तियां, हुड वाली गैलिया और स्पष्ट रूप से लंबी चोंच होती है। इसका नामकरण मैरीलैंड विश्वविद्यालय के प्रख्यात वनस्पतिशास्त्री डा. जेम्स लारिट्ज रिवील के सम्मान में पैडिकुलैरिस रिविलियाना रखा गया है, जो अपने वनस्पति योगदान और सुप्राजेनेरिक नामों पर काम करने लिए विश्वस्तर पर प्रसिद्ध थे।आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।