प्रतापगढ़ में खेल...लाइसेंस दवा बेचने का है...कर रहे डाक्टरी, सोशल मीडिया पर एक मामला वायरल
प्रतापगढ़ जिले में कई मेडिकल एजेंसी संचालक मरीजों को भर्ती करते हैं। अप्रशिक्षित लोग वहां उपचार करते हैं। प्रसव तक कराते हैं। ऐसे में मरीज की जान पर बन आती है। स्वास्थ्य विभाग व पुलिस से शिकायत की जा चुकी है लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है।
By Brijesh SrivastavaEdited By: Updated: Fri, 09 Sep 2022 11:11 AM (IST)
प्रयागराज, जेएनएन। यूपी के प्रतापगढ़ जनपद में झोलाछाप इलाज करने वालों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। मानधाता से लेकर देल्हूपुर तक भी कई झोलाछाप अपनी दुकान सजाए हैं। लाइसेंस है दवा बेचने का और इसकी आड़ में डाक्टरी की जा रही है। मानधाता व आसपास कुछ लोग खुलेआम यह मनमानी कर रहे हैं। विभाग इनको छूट दिए हुए है, जबकि मरीजों की जान पर आफत आती रहती है।
देल्हूपुर का एक मामला वायरल है : इन दिनों प्रतापगढ़ के देल्हूपुर का एक मामला सोशल (इंटरनेट) मीडिया पर वायरल है। यहां कई मेडिकल एजेंसी संचालक द्वारा मरीजों को भर्ती किया जाता है। अप्रशिक्षित लोग वहां उपचार करते हैं। प्रसव तक कराते हैं। ऐसे में मरीज के साथ अनहोनी हो जाए तो कौन जिम्मेदार होगा, यह एक बड़ा सवाल लोगों के मन में कौंधता है। बाजार के कई लोग इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग व पुलिस तक से कर चुके हैं, पर कुछ हो नहीं रहा।
बच्चे की बिगड़ी हालत : कुछ दिन पहले जुकाम-बुखार से पीड़ित मझिलगांव के जमुना माैर्य का पांच वर्षीय नाती श्रेयांश की हालत झोलाछाप के इलाज से बिगड़ गई। वह कई महीने से अस्पताल में पड़ा है। जमुना ने डीएम से लेकर सीएम तक शिकायत की। उनका कहना है कि बच्चे को पहल बार दिखाने के लिए बाबूगंज रेलवे फाटक के पास क्लीनिक पर ले गए थे। इंजेक्शन लगाकर खुली दवा वहां दी गई। आराम नहीं हुआ, इसके बाद भी दिखाते रहे, लेकिन हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। हालत खराब होती देख जिला मुख्यालय ले गए तो हेपेटाइटिस मिला।
क्या कहते हैं प्रतापगढ़ के सीएमओ : प्रतापगढ़ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. जीएम शुक्ल कहते हैं कि जनपद में सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर्याप्त संख्या में हैं। मेडिकल स्टोर में मरीजों के भर्ती किए जाने को कोई नियम नहीं है। मनमानी करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
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