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Gyanvapi Masjid पक्ष कोर्ट में बोला, 'काल्पनिक मंदिर’ में पूजा की मांग मानी तो बदलेगी धार्मिक स्थल की प्रकृति

इलाहाबाद हाई कोर्ट में ज्ञापवापी परिसर वाराणसी स्थित श्रृंगार गौरी पूजन मामले में याचिका पर याची की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी ने कहा कि वाद कारण स्वयं में स्पष्ट नहीं है। यदि यह मांग मान ली गई तो धार्मिक स्थल का स्वरूप बदल जाएगा।

By Jagran NewsEdited By: Brijesh SrivastavaUpdated: Tue, 22 Nov 2022 08:48 PM (IST)
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ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी पूजन मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका पर सुनवाई हुई।

प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट में ज्ञानवापी परिसर वाराणसी स्थित श्रृंगार गौरी व अन्य मंदिरों में नियमित पूजा के अधिकार को लेकर वाराणसी की जिला अदालत के फैसले की चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई जारी है। कल बुधवार 23 नवंबर को भी सुनवाई होगी। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से दाखिल पुनरीक्षण याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति जेजे मुनीर कर रहे हैं।

याची की ओर से अधिवक्‍ता ने रखा अपना पक्ष : आज मंगलवार को याची की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी ने बहस की। उन्‍होंने कहा कि वाद कारण स्वयं में स्पष्ट नहीं है। काल्पनिक मंदिर में पूजा की इजाजत मांगी गई है। ऐसी मूर्ति की पूजा की मांग की गई है जो अदृश्य है। यदि यह मांग मान ली गई तो धार्मिक स्थल का स्वरूप बदल जाएगा। यह परोक्ष रूप से 1991 के प्लेसेस आप वर्शिप एक्ट के खिलाफ होगा।

याची के अधिवक्‍ता ने दी दलील : याची के अधिवक्ता ने कहा कि कुल 18 केस दाखिल हुए हैं। जिलाधिकारी ने मौखिक आदेश से पूजा रोकी। सिविल वाद की मांग बिना दूसरे पक्ष को हटाए पूरी नहीं की जा सकती। कोर्ट की तरफ से सवाल उठा कि पुराना मंदिर व मस्जिद का विवाद है, जो बिना साक्ष्य तय नहीं किया जा सकता। याची के अधिवक्ता ने कहा कि वक्फ बोर्ड ने सरकार को कुछ जमीन दी, काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के साथ भूमि का एक्सचेंज किया गया। सिविल वाद सरकार के खिलाफ दाखिल है। जिलाधिकारी पूजा की अनुमति नहीं दे रहे हैं। अधिवक्‍ता नकवी ने कहा सिविल वाद में भगवान आदि विश्वेश्वर, श्रृंगार गौरी, भगवान हनुमान का मंदिर घोषित करने व पूजा का अधिकार दिए जाने की मांग की गई है। पूजा आरती व भोग की अनुमति मांगी गई है। यदि मांग मान ली गई तो धार्मिक स्थल की प्रकृति बदल जाएगी। साल में एक दिन पूजा होने का दावा किया गया है। उसी आधार पर पूजा के अधिकार का दावा किया गया है।

श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा अर्चना की मांग है : दिल्ली की राखी सिंह व कई अन्य महिलाओं ने जिला जज वाराणसी की कोर्ट में वाद दायर कर ज्ञानवापी परिसर के बाहरी हिस्से में स्थित श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा अर्चना किए जाने की मांग की है। जिला जज ने 12 सितंबर के आदेश से हिंदू पक्ष की महिलाओं द्वारा श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा अर्चना की मांग में दाखिल वाद के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की आपत्ति खारिज करते हुए मुकदमे की सुनवाई करने का आदेश दिया है।

मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति दर्ज की थी : मुस्लिम पक्ष की तरफ से ज्ञानवापी मस्जिद की अंजुमन ए इंतजामियां कमेटी ने हिंदू महिलाओं के बाद पर आपत्ति दर्ज करते हुए कहा था कि यह वाद सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 7 नियम 11 के तहत सुनवाई लायक नहीं है और इसे खारिज किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस मामले की सुनवाई वाराणसी के जिला जज की कोर्ट में चल रही है। हाई कोर्ट में जो याचिका दायर की गई है उसमें फैसला आने तक वाराणसी की अदालत में चल रही सुनवाई पर रोक लगाए जाने की भी मांग है। ज्ञानवापी विवाद से जुड़े पांच मामले पहले से ही इलाहाबाद हाई कोर्ट में लंबित हैं।

मनमानी मीडिया रिपोर्टिंग पर आपत्ति : कोर्ट ने केस की मनमानी मीडिया रिपोर्टिंग पर आपत्ति की । कहा कोर्ट बहस के दौरान मौन नहीं रह सकती, सवाल पूछेगी ही। ऐसे सवालों को लेकर गलत तरीके से रिपोर्टिंग पर कोर्ट एक्शन ले सकती है। याची अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा उन्होंने मीडिया में कोई बयान नहीं दिया। कोर्ट ने गलत तरीके से रिपोर्टिंग पर नाराजगी जताई।