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चढ़ावे के फूल से प्रयागराज में धूपबत्ती और अगरबत्ती बनाने के लिए जल्द लगेगा प्लांट

मंदिरों गुरुद्वारों और मजारों से फूल-मालाओं का कलेक्शन सफाईकर्मियों द्वारा किया जाता है जबकि गंगा से फूल-माला के कलेक्शन के लिए मशीन आ गई है। लगभग दो सौ किलोग्राम क्षमता का प्लांट लगाने के लिए टेंडर निकाला गया है। प्लांट नैनी अथवा झूंसी में लगाने की तैयारी है

By Ankur TripathiEdited By: Updated: Thu, 30 Dec 2021 10:20 AM (IST)
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नगर निगम इलाहाबाद ने इस काम के लिए निकाला टेंडर, तीन जनवरी को खुलेगा

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। शहर के मंदिरों, गुरुद्वाराें, मजारों और गंगा में चढ़ाए जाने वाले फूल-मालाओं के कचरे से धूपबत्ती एवं अगरबत्ती बनाने के लिए नगर निगम द्वारा एजेंसी का चयन जल्द किया जाएगा। इसके लिए निगम के पर्यावरण विभाग द्वारा टेंडर निकाला गया है। टेंडर तीन जनवरी को खुलेगा। एजेंसी के चयन के बाद प्लांट लगाने का काम शुरू होगा।

प्लांट लगाने के लिए निगम देगा धनराशि, कंपनी करेगी संचालन

शहर के विभिन्न मंदिरों, गुरुद्वारों, मजारों और गंगा में श्रद्धालुओं द्वारा प्रतिदिन चढ़ाया जाने वाला करीब दो सौ किलोग्राम फूल एवं माला नगर निगम द्वारा इकट्ठा कराया जाता है। मंदिरों, गुरुद्वारों और मजारों से फूल-मालाओं का कलेक्शन सफाईकर्मियों द्वारा किया जाता है, जबकि गंगा में चढ़ने वाले फूल-माला के कलेक्शन के लिए अब मशीन आ गई है। लगभग दो सौ किलोग्राम क्षमता का प्लांट लगाने के लिए टेंडर निकाला गया है। प्लांट नैनी अथवा झूंसी में उस जगह पर लगाने की तैयारी है, जहां मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) सेंटर निर्माण के लिए जगह तय है। प्लांट लगाने का खर्च निगम खुद उठाएगा। एजेंसी को उसके संचालन और मेंटिनेंस की जिम्मेदारी दी जाएगी।

सोलरयुक्त प्लांट लगाने की है तैयारी

नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि सोलरयुक्त प्लांट लगाने की तैयारी है। फूल-मालाओं के कचरे से धूपबत्ती एवं अगरबत्ती बनाने वाले प्लांट को सोलरयुक्त लगाने की योजना है। यह अगरबत्ती एवं धूपबत्ती घरों को महकाएगी। पर्यावरण अभियंता उत्तम कुमार वर्मा का कहना है कि प्लांट लगाने पर कितनी धनराशि खर्च होगी, एजेंसी चयन के बाद तय हो सकेगा। टेंडर में धनराशि का उल्लेख नहीं है।

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