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जाली कागजात के सहारे पास कराते थे फाइनेंस कंपनी से लोन, गैंग बेनकाब Prayagraj News

गिरफ्तार गैंग के सदस्‍यों ने पिछले दो-तीन साल में बजाज फाइनेंस कंपनी से फर्जी फर्म के नाम पर एक करोड़ से ज्यादा का लोन पास कराकर रकम हड़प ली थी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Updated: Fri, 04 Oct 2019 09:18 AM (IST)
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जाली कागजात के सहारे पास कराते थे फाइनेंस कंपनी से लोन, गैंग बेनकाब Prayagraj News
प्रयागराज, जेएनएन। सिविल लाइंस पुलिस ने जाली दस्तावेजों के जरिए फर्जी फर्म के नाम पर लोन स्वीकृत कराकर पैसे हड़पने वाले गिरोह का राजफाश किया। गिरोह के चार लोगों को गिरफ्तार कर नकली मुहर, आधार कार्ड, पैनकार्ड, चेकबुक बरामद की गई हैं। पुलिस का कहना है कि इनमें एक व्यक्ति एक नेता का करीबी रहा है।

सिविल लाइंस थाने में लोन पास कराने के नाम पर धोखाधड़ी का दर्ज था केस

दरअसल, दो महीने पहले अतरसुइया मोहल्ले के राहुल ने सिविल लाइंस थाने में लोन पास कराने के नाम पर धोखाधड़ी और हेराफेरी किए जाने का मुकदमा दर्ज कराया था। सीओ सिविल लाइंस बृज नारायण सिंह के पर्यवेक्षण में गहराई से की गई जांच में जालसाज गिरोह का पर्दाफाश हुआ। गुरुवार को उपनिरीक्षक राजेश कुमार सिंह और अनिल कुमार सिंह ने गिरोह के चार जालसाजों को गिरफ्तार कर लिया।

पैन कार्ड, आधार कार्ड आदि पुलिस ने बदमाशों के पास से बरामद किया

एसपी सिटी बृजेश श्रीवास्तव ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों में टैगोर टाउन कॉलोनी का अमरेश तिवारी, मीरापुर का नितेश कुमार विश्वकर्मा, नैनी के चकरघुनाथ का पंकज अग्र्रवाल और कालिंदीपुरम कॉलोनी का रुकमेश जायसवाल है। इन लोगों की निशानदेही पर फर्जी ढंग से लोन पास कराने में इस्तेमाल 35 पैन कार्ड, 34 आधार कार्ड, 72 फर्जी मुहर, 07 वोटर आइडी, 52 चेकबुक, सात पासबुक बरामद किया गया है। इन लोगों ने पिछले दो-तीन साल में बजाज फाइनेंस कंपनी से फर्जी फर्म के नाम पर एक करोड़ से ज्यादा का लोन पास कराकर रकम हड़प ली।

फर्जी लोन के 10 ताजा केस मिले

पुलिस को फर्जी लोन के 10 ताजा केस मिले हैं जिनमें आठ केस में सात-सात लाख रुपये यानी कुल 56 लाख रुपये फाइनेंस कंपनी ने निर्गत कर दिए हैं। पुलिस की ओर से बैंकों को खाता सीज करने के लिए पत्र भेजा गया है। चर्चा रही कि इन्होंने कुछ सफेदपोशों को भी इस ढंग से लोन दिलाए हैं पर पुलिस अधिकारी इस पर मौन हैं।

इस तरह से कर रहे थे जालसाजी

एसपी सिटी के मुताबिक, गिरोह का मास्टर माइंड पंकज अग्र्रवाल है। बजाज फाइनेंस कंपनी से जुड़ा पंकज ही अपने प्रयास से फर्जी लोन पास कराता था। नितेश लोन के लिए ग्र्राहक लाता था, गिरोह का अमरेश तिवारी लोन के लिए फर्जी कागजात तैयार कराता था, रुक्मेश जायसवाल फर्जी पहचान पत्र और खाते पर लोन जारी कराता था। लोन जारी कराने के बदले वे ग्र्राहक से आधी से ज्यादा रकम खुद ले लेते थे। जैसे कि मुकदमा दर्ज कराने वाले राहुल के रिश्तेदार को दिलाए सात लाख के लोन में पांच लाख रुपये खुद हड़प लिए थे।

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